Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

विजयपुर में हार के बाद छलका रामनिवास रावत का दर्द, कहा बढ़ते कद से कुछ लोगों ने भाजपा कार्यकर्ताओं का बरगलाया

हमें फॉलो करें विजयपुर में हार के बाद छलका रामनिवास रावत का दर्द, कहा बढ़ते कद से कुछ लोगों ने भाजपा कार्यकर्ताओं का बरगलाया

विकास सिंह

, सोमवार, 25 नवंबर 2024 (17:23 IST)
भोपाल। विजयपुर उपचुनाव में हार के बाद पूर्व मंत्री रामनिवास रावत का दर्द छलक गया। चुनाव में हार के बाद पहली बार दिए अपने बयान में रामनिवास रावत ने कहा कुछ लोगों को उनका मंत्री पद रास नहीं आया और ऐसे  लोगों ने जनता के साथ भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं को बरगलाया। रामनिवास रावत ने कहा कि कुछ लोगों ने भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं को बरगलाया कि इसके आगे बढ़ने से यह अपने लोगों को ही आगे बढ़ाएगा। जबकि मैं पूरी तरह से भाजपा में आया हूं। रामनिवास रावत ने कहा कि उन्हें चुनाव में 93 हजार वोट मिले जो बताते है विजयपुर की जनता उनके साथ है और विजयपुर की जनता को धन्यावद देता हूं। 
ALSO READ: विजयपुर उपचुनाव में कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत हारे, गुटबाजी और भितरघात भाजपा पर पड़ी भारी
अखिलेश और उमंग सिंघार ने कसा तंज- वहीं विजयपुर में भाजपा उम्मीदवार और कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत की हार पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के विजयपुर विधानसभा उपचुनाव मे भाजपा के कैबिनेट मंत्री की हार बता रही है कि भाजपा का सच क्या है। ये जीत परिवर्तन का बीज साबित होगी।

वहीं अखिलेश यादव के बयान पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा मध्यप्रदेश के विजयपुर में भाजपा की हार सबसे करारी हार है। सारी ताकत लगाकर भी भाजपा अपने एक कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत को नहीं जिता सकी। क्यों दलबदल और राजनीतिक स्वार्थ का ये अनूठा नमूना है। भाजपा ने मंत्री पद का लालच देकर कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत को खरीदा। उन्होंने भी तब तक विधायकी नहीं छोड़ी, जब तक उन्हें मंत्री पद देने की घोषणा नहीं हो गई। जनता ने भी #रामनिवास_रावत को बता दिया कि मतदाता उनकी जागीर नहीं है, भाजपा को सबक सिखा दिया कि दलबदल के हथकंडे जनता के फैसले के सामने नहीं चलते। अच्छा होगा BJP अब राजनीतिक खरीद-फरोख्त से बाज आए।

गौरतलब है कि विजयपुर में भाजपा की हार का बड़ा कारण पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी को माना जा रहा है। विजयपुर उपचुनाव के दौरान पूरी पार्टी दो धड़ों मे बंटी हुई दिखाई। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों ने जिस तरह से उपचुनाव से दूरी बनाई उसका  असर सीधे चुनाव परिणाम पर देखने को मिला। दरअसल विजयपुर उपचुनाव की कमान विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने हाथों में संभाल रखी, यहीं कारण है कि सिंधिया गुट पूरे चुनाव से दूरी बना ली। भाजपा के स्टार प्रचारक होने के बाद भी सिंधिया का विजयपुर में एक भी चुनावी रैली नहीं करना भी सियासी गलियारों में काफी चर्चा में रहा। वहीं सिंधिया गुट का कोई भी बड़ा नेता विजयपुर में चुनाव प्रचार करने नहीं पहुंचा। इसके साथ ही भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता कांग्रेस से भाजपा में आए रामनिवास रावत को स्वीकार नहीं कर पाए और पूरे चुनाव के दौरान भाजपा के कोर कार्यकर्ता सक्रिया नजर नहीं आए, यह भाजपा की हार का बड़ा कारण बना।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कश्मीर में आतंकी हमलों में आई तेजी, पर्यटन से जुड़े लोगों को सता रही रोजी-रोटी की चिंता