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एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर का हार्ट अटैक से निधन, इंदौर से था खास रिश्ता

हमें फॉलो करें एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर का हार्ट अटैक से निधन, इंदौर से था खास रिश्ता
, मंगलवार, 16 अप्रैल 2019 (20:39 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस के कद्दावर नेता और उत्तरप्रदेश-उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी का हृदय गति रुकने से निधन हो गया। रोहित शेखर की शादी इंदौर के वरिष्ठ अभिभाषक पीके शुक्ला की बेटी अपूर्वा शुक्ला से हुई थी।
 
दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी विजय कुमार ने कहा कि रोहित शेखर तिवारी को मृत अवस्था में ही मैक्स साकेत अस्पताल लाया गया था। पिछले वर्ष ही 18 अक्टूबर को नारायण दत्त तिवारी का लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के मैक्स अस्पताल में निधन हो गया था।
 
रोहित एनडी तिवारी और उज्ज्वला शर्मा की जैविक (बायोलॉजिकल) संतान थे। रोहित 2017 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे और हाल ही में उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का संकेत दिया था।

रोहित दक्षिण दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में रहते थे। पुलिस ने बताया कि उनकी मां उज्ज्वला तिवारी भी इसी अस्पताल में भर्ती थीं। उन्हें उनके बेटे के अस्वस्थ होने और नाक से खून बहने की खबर घर से मिली थी।
 
अस्पताल ने एक संक्षिप्त बयान में बताया कि मैक्स अस्पताल को 4 बजकर 41 मिनट पर रोहित शेखर तिवारी के घर से एक आपात कॉल आया। एक एंबुलेंस तिवारी को लेकर साकेत के मैक्स अस्पताल पहुंचा, जहां उन्हें आपात विभाग में मृत घोषित कर दिया गया।
2008 में रोहित खुद को एनडी तिवारी का बेटा साबित करने के लिए अदालत का रुख किया था। रोहित ने दावा किया था कि वे पूर्व कांग्रेस नेता और अपनी मां उज्ज्वला शर्मा के बेटे हैं। एनडी तिवारी ने दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले को खारिज करने की गुहार भी लगाई थी। हालांकि कोर्ट ने 2010 में तिवारी की इस गुहार को खारिज कर दिया था।
 
23 दिसंबर 2010 को हाईकोर्ट ने दोनों को डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया था। एनडी तिवारी ने इसके खिलाफ  सुप्रीम कोर्ट भी गए थे, लेकिन वहां से भी उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा था। कोर्ट के आदेश के बाद 29 मई 2011 को एनडी तिवारी ने डीएनए जांच के लिए खून दिया था। 
 
इसकी रिपोर्ट 27 जुलाई 2012 को दिल्ली हाईकोर्ट में खोली गई। हालांकि एनडी तिवारी ने अपील की थी कि इस रिपोर्ट को सार्वजनिक न किया जाए, लेकिन कोर्ट ने उनकी इस अपील को खारिज कर दिया था।
 
रिपोर्ट में सामने आया था कि रोहित का दावा सही था और एनडी तिवारी रोहित के जैविक पिता थे। दोनों के बीच चल रहा कानूनी विवाद मार्च 2014 में खत्म हुआ था और एनडी तिवारी ने रोहित को अपना बेटा स्वीकार कर लिया था।

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