भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समाधान ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंस में कलेक्टरों से कहा कि वे लोगों की समस्याओं के समाधान सकारात्मक दृष्टिकोण और संवेदनाओं के साथ करें।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस में स्वयं आवेदकों को सुना और उनकी समस्याओं का निराकरण किया। चौहान ने समस्याओं के निराकरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए।
चौहान ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन की हर स्तर पर निरंतर समीक्षा करें। स्वरोजगार ऋण वितरण, लंबित पेंशन के प्रकरणों की नियमित समीक्षा की जाए। हितग्राही के खाते में राशि पहुंचने की प्रक्रिया का भी अध्ययन किया जाए। तकनीक के लाभों के साथ ही व्यावहारिक दिक्कतों को भी समझा जाए, उनके समाधान की पहल भी की जाए।
चौहान ने कहा कि स्वरोजगार के ऋण प्रकरणों की समीक्षा की जाए। ऋण प्रकरणों की बैंक में स्थिति की जानकारी मासिक आधार पर ली जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि हितग्राही को ऋण और सब्सिडी समय पर मिल जाए। उन्होंने कहा कि ऋण वितरण में विलंब के 503 प्रकरण मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में दर्ज हैं। इनका आगामी 15 दिन में निराकरण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश ने जुलाई-अगस्त के दौरान दो लाख आवास निर्माण पूर्ण कर देश में पहला स्थान पाया है। आगामी 45 दिनों में दो लाख आवास और पूर्ण किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने उज्जैन जिले के संतोष सिंह को विकलांग विवाह प्रोत्साहन राशि मिलने में विलंब करने के कारण पंचायत समन्वयक को निलंबित करने तथा जनपद पंचायत के सीईओ की दो वेतनवृद्धि रोकने के निर्देश दिए। साथ ही कई जिलों के फरियादियों की समस्याओं का समाधान किया। (वार्ता)