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रातापानी में टाइगर की मौत में चौंकाने वाला खुलासा, खोपड़ी में मारी गई थी गोली!

मृत टाइगर की बैलिस्टिक रिपोर्ट में खुलासा, खोपड़ी में मिले थे चार निशान

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भोपाल ब्यूरो

, शनिवार, 9 नवंबर 2024 (14:24 IST)
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के कारणों का पूरा सच अभी साफ नहीं हुआ था कि राजधानी भोपाल में सटे रातापानी वन्यजीव अभयारण्य में इस साल जुलाई में मृत मिले टाइगर के बैलिस्टिक परीक्षण की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। बैलिस्टिक परीक्षण की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बाघ की सिर में जो निशान थे वह गोली के है, ऐसे में बाघ के शिकार की आंशका बढ गई है। हलांकि बैलेस्टिक परीक्षण रिपोर्ट की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। इस मामले में अब तक वन विभाग के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे है।

दरअसल राजधानी भोपाल से सटे रातापानी वन्य जीव अभयारण्य के के अब्दुल्लागंज रेंज में इस साल 14 जुलाई को बाघ का शव मिला था जिसके पोस्टमार्टम में पता चला था कि बाघ में सिर में चार छेद है जो गोली के निशान की तरह नजर आ रहे थे, इसके बाद इससे बैलिस्टिक परीक्षण के लिए भेजा गया था। वहीं घटना के कुछ दिनों बाद इलाके से दो शिकारी गिरफ्तार किए गए थे जिनके पास से बाघ के दांत बरामद हुए थे।

टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में लगातार बाघों पर खतरा मंडरा रहा है। टाइगर स्टेट बाघों की मौत मामले में देश में नंबर वन पर है। इधर मध्य प्रदेश में पिछले पांच साल में 168 से अधिक बाघों की मौत हो चुकी है। वहीं इस साल अब तक मध्य प्रदेश में 30 बाघों की मौत हो चुकी है। बाघों की मौत स्वाभाविक होने के साथ-साथ उनके शिकार की भी आंशका जताई गई है।

वहीं जिस बांधवगढ़ टाइगर रिर्जव में 10 हाथियों की मौत हुई है वह टाइगरों के लिए क्रबगाह साबित हो रहा है। एनटीसीए की रिपोर्ट के अनुसार अकेले बांधवगढ़ में पिछले तीन सालों में 93 बाघों की मौत हो चुकी है। वहीं इस साल अब तक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 1 दर्जन से अधिक बाघों की मौत हो चुकी है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की रिपोर्ट में बाघों की मौत के बारे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ था। 

एनटीसीए ने वन विभाग से कहा था कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की जांच करे, यह पता लगाए कि आखिर यहां बाघों की मौत की वजह क्या है। इसके बाद वन विभाग ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया। इस कमेटी ने बांधवगढ़ में पिछले तीन साल में मारे गए बाघों की वजह तलाशी। कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक बांधवगढ़ में टाइगर की ज्यादातर मौतें आपसी संघर्ष की वजह से नहीं हुई हैं।

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में सबसे अधिक टाइगर बांघवगढ़ टाइगर रिजर्व में पाए जाते है। NTCA की 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के कुल 6 टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 259 थी, जबकि अकेले बांधवगढ़ में 165 बाघ पाए गए थे। गौरतलब है कि टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में देश में सबसे अधिक बाघ है। देश में सबसे अधिक 785 बाघ मध्यप्रदेश में हैं। इसके बाद 563 बाघों के साथ कर्नाटक दूसरे और 560 बाघों के साथ उत्तराखंड तीसरे नंबर पर है। वहीं मध्यप्रदेश में सबसे अधिक बाघ बांधवगढ़ टाइग रिजर्व में ही है।

बांघवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत-टाइगरों के लिए क्रबगाह साबित हो रहा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अब हाथियों की मौत की बड़ी वजह बन गया है। टाइगर रिजर्व के खितौली और पतौर कोर रेंज के सलखनिया बीट के RF384 और PF 183A में 29 और 30 अक्टूबर के बीच एक साथ 10 हाथियों की मौत हो गई है। सभी हाथी जो हादसे का शिकार हुए वह टाइगर रिजर्व के इस इलाके में पिछले कई दिनों से मूवेंट कर रहे थे।

वहीं हाथियों की मौत मामले में अब तक हुई जांच रिपोर्ट में फंगस लगा कोदो खाने को मौत का कारण बताया गया है। वहीं हाथियों की मौत मामले में सरकार ने फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी और उपवन मंडल अधिकारी फतेसिंहं निनामा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर चुकी है। टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर गौरव चौधरी पर हाथियों की मौत की सूचना के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश के बाद भी छुट्टी से नहीं लौटने और अपना फोन बंद करने का आरोप है वहीं फतेसिंह निनामा पर जांच में सहयोग नहीं करने पर सस्पेंड किया गया है।

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