मध्यप्रदेश के नीमच जिले में जैन मुनियों पर हमले के आरोपियों के खिलाफ कठोरतम कानूनी कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि सूबे में ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। यादव ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा,मुझे जानकारी मिली है कि कुछ लोगों ने शराब पीकर जैन मुनियों के साथ दुर्व्यवहार किया था। हमने तुरंत पुलिस की टीम गठित करके सभी आरोपियों को पकड़ लिया है। जैन समुदाय ने मुनियों पर हमले के विरोध में सोमवार को सिंगोली कस्बे में बंद का आह्वान किया। इस दौरान कस्बे की दुकानें बंद रहीं।
उन्होंने कहा कि घटना के आरोपियों के खिलाफ कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ऐसी किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं करेगी। पुलिस ने बताया कि नीमच जिले के सिंगोली थाना क्षेत्र में धन नहीं दिए जाने पर रविवार और सोमवार की दरमियानी रात तीन जैन मुनियों पर लाठी और धारदार हथियारों से हमला करने के आरोप में एक नाबालिग लड़के समेत छह लोगों को हिरासत में लिया गया है।
क्या था पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक, सभी आरोपी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के रहने वाले हैं। चित्तौड़गढ़, नीमच के नजदीक है। सिंगोली थाने के प्रभारी निरीक्षक भूरालाल भाभर ने संवाददाताओं को बताया कि जैन मुनि शैलेश मुनि जी, बलभद्र मुनि जी और मुनींद्र मुनि जी हनुमान मंदिर में विश्राम करने के लिए रुके थे, तभी आरोपी तीन मोटरसाइकिल से वहां पहुंचे और शराब पीने के बाद उन्होंने जैन मुनियों से पैसे मांगे।
पुलिस के अनुसार तीनों जैन मुनियों के सिर और पीठ पर चोटें आईं हैं तथा उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्होंने धार्मिक रीति-रिवाजों का हवाला देते हुए अपना इलाज कराने से इनकार कर दिया। जैन मुनियों के अनुसार सूर्यास्त के बाद ऐसा किया जाना वर्जित है। पुलिस ने बताया कि जैन मुनियों को सोमवार को सूर्योदय के बाद जैन समुदाय द्वारा संचालित चिकित्सा केंद्र में ले जाया गया। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma