Madhya Pradesh News : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज उद्योगपतियों को इस राज्य में निवेश का आमंत्रण देते हुए कहा कि सरलता और सुगमता के साथ व्यापार तथा व्यवसाय हमारी औद्योगिक नीति है। राज्य में उद्योगों के अनुकूल वातावरण है और हम उद्योगों को सहकार, सहयोग और सम्मान देते हैं।
डॉ. यादव ने यहां रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को संबोधित किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, अन्य मंत्री, शहडोल संभाग में निवेश करने के इच्छुक उद्योगपति, वरिष्ठ अधिकारी और अन्य लोग मौजूद थे।
डॉ. यादव ने अपने संबोधन में कहा कि इस राज्य में उद्योगों के लिए श्रमिकों की भी समस्या नहीं है। पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र और रेडीमेड गारमेंट्स आदि क्षेत्रों में उद्योगों को विशेष सुविधाएं दी जाती हैं। रेडीमेड गारमेंट्स क्षेत्र में 200 प्रतिशत तक मदद दी जाती है और 10 वर्ष तक पांच हजार रुपए प्रति मजदूर इंसेंटिव भी दिया जाता है।
डॉ. यादव ने कहा कि एक-एक युवा को उसकी योग्यता और दक्षता के अनुरूप रोजगार दिलाना राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है। मध्यप्रदेश में पिछले कुछ समय में 6 रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव आयोजित किए गए हैं, जिनमें 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए हैं और इनके माध्यम से 3 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। आगामी 24 फरवरी को भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव आयोजित की जा रही है। विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं को तलाशते हुए सभी विभाग अपनी नीतियां बना रहे हैं, जो शीघ्र ही तैयार हो जाएंगी। प्रदेश में नव उद्यमिता (स्टार्ट्सअप) को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने स्टार्ट्सअप दिवस की सभी को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लिए विकास का अर्थ केवल भौतिक अधोसंरचना का विकास नहीं है। हम समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब, युवा, महिला और किसानों के कल्याण के लिए मिशन प्रारंभ किया है, जिस पर हम तेजी से कार्य कर रहे हैं। डॉ. यादव ने इस अंचल के शहडोल, अनूपपुर और उमरिया क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि ये धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, परंतु इस क्षेत्र का विकास कहीं न कहीं रुका हुआ था। अब इनके विकास का समय आया है। आगामी वर्षों में यहां सर्वांगीण विकास होगा।\
उन्होंने कहा कि प्रदेश में संतुलित विकास की दिशा में कदम बढ़ाने के उद्देश्य से ही प्रदेश की सातवीं रीजनल इंडस्ट्रीज कान्क्लेव 'अपार संभावनाओं की भूमि' शहडोल में आयोजित हुई है। उद्योगपतियों द्वारा यहां अपने अनुभव साझा किये गये है। मध्य प्रदेश की अग्रसर औद्योगिक नीति और अनुकूल औद्योगिक वातावरण से यहां निवेश के निरंतर प्रस्ताव प्राप्त हो रहे है, जो कि हमारी प्रगतिशील औद्योगिक नीति का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सभी उद्योगपतियों और निवेशकों का धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने इस कॉन्क्लेव में शामिल होकर क्षेत्र में निवेश करने की रुचि दिखाई है। राज्य सरकार उद्योगपतियों और निवेशकों को हरसंभव सहायता और सहयोग करेगी, जिससे इस क्षेत्र का समग्र विकास हो सके।
रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में शामिल 40 से अधिक उद्योगपतियों ने निवेश के कई प्रस्ताव दिए। उद्योगपतियों ने मध्य प्रदेश की औद्योगिक संवर्धन नीति की सराहना भी की। टोरेन्ट पॉवर लिमिटेड के वाइस प्रेसीडेंट नवीन कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश की निवेश नीति उद्योगों के अनुकूल है। यहां तय समय-सीमा में निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी जा रही है। प्रदेश में पर्याप्त बिजली पानी और अधोसंरचना की सुविधाएं उपलब्ध हैं। उनकी कंपनी प्रदेश में आधुनिक तकनीक पर आधारित थर्मल पॉवर प्लांट लगाने जा रहा है। इससे 1 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।
रमणीक पॉवर बालाघाट के उद्योगपति हर्ष त्रिवेदी ने कहा कि हमने मध्यप्रदेश में 50 करोड़ रुपए के निवेश से उद्यम शुरू किया था, जिसे प्रदेश की उद्योग हितैषी नीति से हमने 350 करोड़ रुपए के निवेश तक पहुंचाया है। हम अब यहां 500 करोड़ का निवेश करेंगे। मध्य प्रदेश में अच्छी सड़कें, रेलमार्ग और अन्य सुविधाएं उद्योगपतियों को निवेश के लिए आकर्षित कर रही हैं। जिस प्रदेश में कभी बिजली की कमी थी, अब वह दूसरे राज्यों को बिजली दे रहा है। यहां बड़ी संख्या में प्रशिक्षित श्रमिक और तकनीशियन हैं।
रिलायंस एनर्जी के रवि कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हर संभाग में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन कर साहसी कदम उठाया है। यह छोटे और बड़े दोनों निवेशकों के लिए बड़ा असरदार रहा है। रिलायंस ने शहडोल से नेचुरल गैस पर आधारित उद्योग 20 वर्ष पहले स्थापित किया था, इसमें 6 हजार करोड़ रुपयों का निवेश कर शहडोल से फूलपुर उत्तरप्रदेश तक 250 किलोमीटर तक गैस पाइप लाइन बिछाई है। यह पूरा क्षेत्र गैस आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए सबसे अनुकूल क्षेत्र है।
राज्य के औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेन्द्र कुमार सिंह ने शहडोल क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार निवेशकों के लिए आकर्षक नीतियां और सुविधाएं प्रदान कर रही है, जिससे यह क्षेत्र आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है।
मध्यप्रदेश देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है और वन क्षेत्र के मामले में पहले स्थान पर है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा खाद्यान्न उत्पादक राज्य भी है। साथ ही मध्यप्रदेश तांबा, मैंगनीज, मोलिब्डेनम और हीरे के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। मध्यप्रदेश यह देश का पांचवां सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जो एक विशाल उपभोक्ता बाजार प्रदान करता है। प्रदेश में 15.9 लाख एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं, जो 83 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रही हैं। यह भारत में एमएसएमई का सातवां सबसे बड़ा आधार है।
उन्होंने कहा कि शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिलों में एमएसएमई विभाग द्वारा 153.78 हेक्टेयर क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 28.25 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए उपलब्ध है। इस क्षेत्र में अब तक 916 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया गया है और 1.71 लाख रोजगार सृजित किए गए हैं। शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिलों के लिए 'एक जिला, एक उत्पाद' योजना के तहत महुआ, कोदो-कुटकी, और हल्दी जैसे उत्पादों के प्रसंस्करण को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
शहडोल क्षेत्र न केवल धार्मिक वरन पर्यटन के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां अमरकंटक से नर्मदा नदी और दो अन्य जोहिला और सोन नदियों का भी उद्गम होता है। शहडोल में वन उत्पाद महुआ, हल्दी, और कोदो-कुटकी के प्रसंस्करण में निवेश के अपार अवसर हैं। इन उत्पादों से खाद्य पदार्थ, औषधियां, पशु आहार और स्वास्थ्य सप्लीमेंट जैसे उत्पादों का निर्माण किया जा सकता है। इसके साथ ही, क्षेत्र में कृषि प्रसंस्करण, खनिज प्रसंस्करण (चूना पत्थर, डोलोमाइट, बॉक्साइट), पर्यटन और कौशल विकास के लिए भी व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं।
इस अवसर पर राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि प्रदेश में अब तक 2,51,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया जा चुका है, जो प्रदेश की औद्योगिक क्षमता को दर्शाता है। राज्य सरकार द्वारा एमएसएमई क्षेत्र के लिए पूंजी सब्सिडी, गुणवत्ता प्रमाणन, ऊर्जा ऑडिट, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के लिए सहायता और निर्यातोन्मुखी इकाइयों को अतिरिक्त लाभ प्रदान किए जा रहे हैं।
यह भी बताया कि स्टार्ट-अप्स के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश अग्रणी भूमिका निभा रहा है। प्रदेश में 4900 से अधिक स्टार्टअप्स हैं, जिनमें से 47 प्रतिशत महिलाएं नेतृत्व कर रही हैं।
ये स्टार्ट-अप्स 72 इंक्यूबेटर्स और 4 अटल इनक्यूबेशन सेंटर्स की सहायता से संचालित हो रहे हैं। शहडोल क्षेत्र में औद्योगिक और स्टार्ट-अप विकास की अपार संभावनाएं हैं। शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिलों में कुल पांच औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए गए हैं, जिनमें 916 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया गया है। इनसे 1.71 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं। यह क्षेत्र महुआ, बांस जैसे वनोपज एवं हल्दी के उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है, जो औद्योगिक विकास के लिए कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
इन सबके बीच मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में निवेश और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उद्योगपतियों और उद्योग समूहों के प्रतिनिधियों से अलग-अलग चर्चा की। खनन के क्षेत्र में कार्य कर रही शारदा एनर्जी एंड मिनरल्स के सीएमडी कमल किशोर शारदा ने ग्रीनफील्ड परियोजना के तहत एकीकृत स्टील प्लांट स्थापित करने की जानकारी दी। इसके लिए लगभग 500 एकड़ भूमि अलॉटमेंट किए जाने की बात मुख्यमंत्री डॉ. यादव के सामने रखी। साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव को प्रदेश में निवेशकों को बेहतर माहौल तैयार करने के लिए धन्यवाद भी ज्ञापित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आश्वस्त किया कि निवेशकों को सभी तरह का सहयोग सरकार देगी।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि कॉन्क्लेव के दौरान 102 इकाइयों को 401 एकड़ भूमि आवंटित की गई। इन इकाइयों में 3561 करोड़ से अधिक का निवेश होगा और 9561 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही 30 इकाइयों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया गया। इन इकाइयों में 572 करोड़ रुपयों का निवेश और 2600 रोजगार सृजन होगा। औद्योगिक पार्क गोहपारू (दियापीपर) शहडोल का भूमिपूजन हुआ। 51 हेक्टेयर क्षेत्र में 16.13 करोड़ की लागत से पार्क विकसित होगा। (एजेंसी)
Edited By : Chetan Gour