इंदौर। मालवा प्रांत के विविध महिला संगठनों द्वारा मालवा प्रांत की महिलाओं की स्थिति पर किए अध्ययन व सर्वेक्षण के निष्कर्ष को लेकर क्रांति सर्वेक्षण पुस्तिका का विमोचन सुश्री उषा ठाकुर, मंत्री मप्र शासन के करकमलों से हुआ। यह सर्वेक्षण देशभर की 6 हजार प्रशिक्षित महिला कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया।
महिला समन्वय, मालवा प्रांत के कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केंद्र, पुणे की सचिव डॉक्टर अंजलि देशपांडे ने कहा कि देशभर में 70 हजार से अधिक महिलाओं का सर्वेक्षण किया गया। महिलाओं से 3 विषयों पर प्रश्न पूछे गए, जो शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार से संबंधित थे।
देशभर के पांच क्षेत्रों एवं सभी प्रांतों में सर्वेक्षण किया गया तथा साथ ही विभिन्न संगठनों ने एवं प्रांतों की महिला समन्वय टोली के द्वारा 25 अन्य विषयों को लेकर भी सर्वेक्षण हुआ। यह सर्वेक्षण देशभर की 6000 प्रशिक्षित महिला कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया।
सर्वेक्षण से ज्ञात हुआ कि पिछली जनगणना की तुलना में महिलाओं की शिक्षा की स्थिति में सुधार हुआ है। स्वास्थ्य के विषय में पूर्व में महिलाओं में एनीमिया अधिक मात्रा में था, परंतु वर्तमान में आर्थराइटिस सबसे अधिक प्रतिशत में है।
मध्य क्षेत्र की महिला समन्वय, संयोजिका सुश्री शोभा पैठणकर ने बताया कि मध्य प्रदेश के 41 जिलों में 3614 महिलाओं से प्रत्यक्ष भेंटकर उनकी जानकारी प्राप्त की गई।
मालवा प्रांत के आठ स्थानों पर यह सर्वेक्षण महिला संबंधी कुरीतियों के विषय पर किया गया, जिसमें ज्ञात हुआ कि दहेज प्रथा तथा बाल विवाह सबसे अधिक व गंभीर समस्या है। वहीं डायन प्रथा 14 प्रतिशत वनवासी जिलों में है तथा पर्दा प्रथा घरों तक सीमित है।
कार्यक्रम का संचालन सुश्री किरण शर्मा ने किया तथा आभार सुश्री अनघा साठे ने माना। इस अवसर पर विशेष रूप से आरएसएस के मालवा प्रांत सह संपर्क प्रमुख श्रीनाथ गुप्ता उपस्थित थे।