भोपाल। मध्यप्रदेश में युवा बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने और उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई युवा स्वाभिमान योजना पर सवालों के घेरे में आ गई है। योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में रहने वाले 21-30 साल के आयु वर्ग के युवाओं को सरकार 100 दिन का रोजगार देने के साथ ही उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण दे रही है।
सरकार की मंशा है कि बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सके और युवा अपनी रुचि अनुसार ऐसे क्षेत्र (ट्रेड) में कौशल प्रशिक्षण भी प्राप्त कर सकें जिससे भविष्य में उनको रोजगार मिलने में सहायता मिल सके। योजना के लिए युवाओं के रजिस्ट्रेशन के लिए बनाई गई वेबसाइट पर चालीस से अधिक विभिन्न क्षेत्रों के कामों का विवरण है। इसी कैटेगरी में एक काम पशु हांकने का भी है।
भोपाल, इंदौर सहित प्रदेश के कई जिलों में इस काम के लिए स्वीकृत पदों के लिए अब तक कई आवेदन भी आ चुके हैं। वहीं शहरी युवाओं को पशु हांकने का रोजगार देने पर बीजेपी ने कड़ा ऐतराज जताया है। बीजेपी ने सरकार पर शहरी युवा बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के नाम पर उनके साथ मजाक करने का आरोप लगाया है।
क्या है युवा स्वाभिमान योजना : योजना के तहत प्रदेश के नगरीय निकायों में रहने वाले 21-30 वर्ष की आयु वर्ग के बेरोजगार युवाओं को एक वर्ष में 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जाना है तथा उनकी रुचि अनुसार ऐसे क्षेत्र (Trade) में कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे भविष्य में उन्हें स्थाई रोजगार प्राप्त हो सके। योजना में पात्रता हेतु परिवार की सालाना आय 2 लाख रुपए से कम होना चाहिए। योजना के तहत चयनित युवाओं को 100 दिन के लिए चार हजार प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाएगा।