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मध्यप्रदेश में धर्मांतरण कराने वालों को फांसी की सजा, CM का बड़ा एलान, दुष्कर्मियों को छोड़ा नहीं जाएगा

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विकास सिंह

, शनिवार, 8 मार्च 2025 (15:12 IST)
भोपाल। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ा एलान करते हुए प्रदेश में धर्मांतरण कराने वालों को फांसी की सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण और दुराचरण जैसी किसी घटना को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी, इसलिए ऐसे दुष्कर्मियों या धर्मांतरण कराने वालों को फांसी की सजा दी जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश में धर्मांतरण के साथ लवजिहाद के लगातार मामले सामने आ रहे थे इस बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ा बयान दिया है।

मुख्यमंत्री कहा कि मासूम बेटियों के साथ दुराचार करने वालों को सरकार छोड़ने वाली नहीं है। दोषियों को कठोर से कठोर दंड दिलाया जा रहा है। वहीं राज्य सरकार शासकीय सेविका बहनों को 7 दिवसीय आकस्मिक अवकाश और संविदा कर्मचारी बहनों को सालभर में 180 दिनों का अवकाश दे रही है।

वहीं इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महिला दिवस के अवसर पर 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों के खाते मे के खाते में करीब 1552.73 करोड़ और 26 लाख महिलाओं के खातों में गैस रीफिलिंग के लिए 55.95 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। इस अवसर पर उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाली कई महिलाओं को राष्ट्रमाता पद्मावती पुरस्कार (2023), राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाज सेवा पुरस्कार (2023-24), रानी अवंति बाई वीरता पुरस्कार (2024) और श्री विष्णु कुमार महिला एवं बाल कल्याण समाज सेवा सम्मान पुरस्कार (2024) से सम्मानित किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज बड़ा सुखद संयोग है। हमने जिस हॉस्पिटल का शुभारंभ किया, उसकी संचालिका टेस्ट ट्यूब बेबी के माध्यम से 5000 बच्चों की मां हैं। आज स्व-सहायता समूह और आजीविका मिशन के माध्यम से प्रदेश में स्वावलंबन की धारा बह रही है। सनातन संस्कृति में त्रिदेव संसार का संचालन करते हैं, लेकिन शक्ति के बिना संसार की कल्पना नहीं की जा सकती है। आदि शक्ति संसार को सुरक्षा प्रदान करती है। लक्ष्मी हमें समृद्धि प्रदान करती है। भारत दुनिया का इकलौता देश है, जो मातृशक्ति का सम्मान करता है।

बहनों से ही समाज में बदलाव आता है- सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पुलिस विभाग ने सुशासन और जागरूकता के लिए अभिमन्यु जैसे अनेकों अभियान चलाए हैं। बहनों के हाथ में अधिकार देने के बाद समाज में बदलाव आता है। प्रदेश में 2 फीसदी अधिक 35 आरक्षण सरकारी नौकरियों में दिया जा रहा है। महिलाओं को संपत्ति की रजिस्ट्री में 1 फीसदी की छूट दी गई है। हमारी सरकार महिला उद्यमिता को बढ़वा दे रही है। औद्योगिकीकरण के लिए बहनों को बैंक लोन में अनुदान दिया जा रहा है। प्रदेश में स्व-सहायता समूह की संख्या 5 लाख से ज्यादा है। देशभर में यह आंकड़ा 62 लाख से अधिक है।

मिशन ज्ञान पर विशेष फोकस-कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि प्रदेश में 44 फीसदी स्टार्टअप महिलाओं द्वारा संचालिक किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में 4 जातियां बताई हैं। गरीब, युवा, किसान और महिला (GYAN) इसमें शामिल हैं। जब हम साल 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करेंगे तो इसमें मध्यप्रदेश का योगदान अहम होगा और राज्य देश में नंबर-1 बन चुका होगा। हमारी सरकार 19000 बहनों का कन्यादान कर चुकी है। कन्यादान और निकाह जब एक साथ किया जाता है तो सामाजिक समरसता का भाव प्रकट होता है। जिन बहनों को पक्का मकान नहीं मिला है, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सर्वे कराकर लाभ दिया जाएगा।

स्व-सहायता समूह की बहनों सांझा किए अनुभव- इस मौके स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मंच से अपने अनुभव सांझा किए। इन महिलाओं ने अपने संघर्ष की कहानी मंच से साझा की। कार्यक्रम में सीएम डॉ. यादव ने डिजीटल ई-न्यूज लैटर 'आजीविका अनुभूति' का विमोचन किया। उन्होंने डीडीयूजीकेवाय के अंतर्गत ट्रेनिंग ले चुकीं युवतियों को नियुक्ति पत्र भी दिए। इस मौके पर उन्होंने स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। सीएम डॉ. यादव ने भोपाल-इंदौर-ग्वालियर-जबलपु-उज्जैन और धार में जैविक हाट का भी शुभारंभ किया। उन्होंने भोपाल में चलित जैविक हाट बाजार की गाड़ियों को हरी झंडी दिखाई।

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