शेयर बाजार में कैसा रहा मार्च का पहला हफ्ता, क्या बाजार में है फ्रेश बाइंग का मौका?
फरवरी के आखिरी दिन बाजार में माहौल निराशाजनक नजर आ रहा था। ट्रंप टैरिफ की दहशत के साथ ही FII की भारतीय बाजारों से दूरी की चर्चा थी। मार्च का पहला हफ्ता निवेशकों के लिए नई उम्मीद लेकर आया।
Share Market first week of March : मार्केट की बात में इस हफ्ते हम बात करेंगे मार्च के पहले हफ्ते में भारतीय शेयर बाजार की चाल की। शेयर बाजार एक्सपर्ट्स से बात कर हमने जाना कि कौन से सेंटिमेंट्स सेंसेक्स और निफ्टी पर बुरा असर डाल रहे हैं। शेयर बाजार के लिए मार्च का पहला हफ्ता कैसा रहा? मार्च के दूसरे हफ्ते में शेयर बाजार किस दिशा में आगे बढ़ेगा और विदेशी निवेशकों का रुख कैसा रहेगा?
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फरवरी के आखिरी दिन बाजार में माहौल निराशाजनक नजर आ रहा था। चारों तरफ ट्रंप टैरिफ की दहशत के साथ ही एफआईआई की भारतीय बाजारों से दूरी की चर्चा थी। पिछले माह के आखिरी दिन सेंसेक्स 73,198 और निफ्टी 22,125 अंक पर थे। बहरहाल मार्च का पहला हफ्ता निवेशकों के लिए नई उम्मीद लेकर आया। 7 मार्च को समाप्त हुए हफ्ते में दोनों इंडेक्स क्रमश: 74,333 और 22,553 पर बंद हुए। इस तरह 1 हफ्ते में सेंसेक्स में 1,135 अंकों की बढ़त रही तो निफ्टी भी 428 अंक बढ़ गया। हालांकि 3 दिन सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में रहे तो 2 दिन यह हरे निशान में दिखाई दिए।
क्यों बढ़ा बाजार : टैरिफ पर ट्रंप की नरमी ने भारतीय शेयर बाजारों को सकारात्मक दिशा में मोड़ दिया। यूरोप, चीन, मैक्सिको और कनाडा के सख्त तेवरों ने ट्रंप को टैरिफ मामले में 1 माह के लिए झुकने पर मजबूर कर दिया। इधर कई शेयरों में भारी गिरावट की वजह से नीचले स्तर पर हुई लिवाली से बाजार में कुछ तेजी दिखाई दी। सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 2 फीसदी का उछाल दिखाई दिया। बाजार पिछले 4 सालों में काफी बढ़ गया है। उसी तर्ज पर अब प्रॉफिट बुकिंग भी हो रही है। इसी वजह से बाजार में अभी भी अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है।
FPI ने की 24,753 करोड़ की बिकवाली : नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, मार्च के पहले सप्ताह में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा शुद्ध बिक्री 24,753 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। 2025 में कुल शुद्ध एफपीआई निकासी 1,37,354 करोड़ रुपए हो गई है। कई विदेशी निवेशकों का मानना है कि भारतीय स्टॉक अन्य उभरते बाजारों की तुलना में अधिक मूल्यवान हैं। इस वजह से वे बेहतर विकास क्षमता और कम जोखिम वाले बाजारों में पैसा ट्रांसफर कर रहे हैं।
4 सेक्टरों ने दिया बाजार को सहारा : फरवरी में आईटी सेक्टर का हाल बेहाल रहा। कई आईटी कंपनियों के शेयरों में 50 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई थी। इस हफ्ते इस सेक्टर की कंपनियों में निवशकों ने लिवाली की। मेटल सेक्टर, रियलिटी और एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों में बढ़त दिखाई दी। बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर के शेयरों में ज्यादा उतार चढ़ाव नहीं दिखाई दिया।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट : शेयर बाजार विशेषज्ञ सागर अग्रवाल ने कहा कि ट्रंप के फैसले पूरी दुनिया पर असर डाल रहे हैं। इसी वजह से बाजार में अस्थिरता बनी हुई है। कई बड़े निवेशक बाजार से पैसा निकालकर अपने पास कैश जमा कर रहे हैं। इस हफ्ते भी निफ्टी में करीब 2 फीसदी का मुवमेंट दिखाई दिया। बाजार में इतना उतार चढ़ाव तो सामान्य है। शुक्रवार को भी बाजार फ्लैट ही बंद हुआ। अगर सोमवार को प्रॉफिट बुकिंग हुई तो बाजार फिर गिर जाएगा।
उन्होंने कहा कि निवेशकों को 2 अप्रैल तक इंतजार करना चाहिए। जब तक ट्रंप की नीतियों और फैसलों में स्थिरता नहीं आती संयम जरूरी है। उन्होंने कहा कि निफ्टी में 22,200 पर सपोर्ट बना हुआ है जबकि 22650 पर रेजिस्टेंस है। निफ्टी के 23,000 के पार पहुंचने का बाद ही हालात बदल सकते हैं।
बाजार विशेषज्ञ मनीष उपाध्याय ने कहा कि बाजार में अभी भी हल्की अस्थिरता बनी हुई है। हालांकि ट्रंप के हाल के फैसलों से बाजार में इस हफ्ते तेजी रही। बाजार में जल्द ही नई पोजिशन बनाने की स्थिति बनती नजर आ रही है। एफआई की बिकवाली भी कम हुई है।
उपाध्याय ने कहा कि बाजार अभी भी गिरकर 21,800 तक आ सकता है। अगर यह बढ़ता है तो इसके 23,000 तक भी पहुंचने की संभावना बन रही है। टैरिफ पर ट्रंप के लगातार फैसले बदलने से उनका प्रभाव भी कम होने की संभावना है। ऐसे में यहां से बाजार संभलता नजर आ रहा है। हालांकि अभी भी लोगों को बाजार में सावधानी के साथ निवेश करना चाहिए।
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।