भोपाल। मध्यप्रदेश में शराबबंदी को लेकर मुहिम छेड़ने की बात करने वाली पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के तेवर अब बदले-बदले दिखाई दे रहे है। सोमवार को मीडिया से बात करते हुए शराबबंदी को लेकर नरम तेवर दिखाते हुए उमा भारती ने कहा कि मैं कोई तीस मार खान नहीं हूं। बहुत सारे लोग हैं जिनको आंदोलन करना चाहिए। वो लोग क्यों आगे नहीं आ रहे है। उमा भारती ने कहा कि शराबबंदी को लेकर वह अपनी रणनीति 14 फरवरी के बाद बताएगी।
उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर सभी का समर्थन मांगते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा दोनों ही संत व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता उसके बाद भी क्यों शराबबंदी में अड़चन आ रही है। शराबबंदी के खिलाफ मैं अकेली नहीं, 80 फीसदी जनता इसके खिलाफ है।
उन्होंने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि है कि नर्मदा घाटों के किनारे लोग जमकर शराब पी रहे हैं। शराब को लेकर कई और घटनाएं मेरे संज्ञान में आई है। नई शराब नीति पर उमा भारती ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात करके वक्तव्य देने के लिए कहेगी।
वहीं उमा भारती के शराबबंदी के बयान पर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि शराबबंदी केवल कानून से संभव नहीं है इसके लिए जनजागरूकता की आवश्यकता है और इसके लिए समाज को आगे आकर एक मानसिकता बनानी होगी। उन्होंने कहा कि अगर उमा भारती शराबबंदी को लेकर जन जागरण का काम कर रही हैं तो बहुत अच्छी बात है और हम उनका समर्थन करेंगे।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग करते हुए आंदोलन करने का एलान किया था। उन्होंने कहा था कि वो प्रदेश में शराबबंदी के लिए मुहिम चलाएंगी।