भोपाल। मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानि व्यापम एक बार फिर सुर्खियों में है। कृषि विस्तार अधिकारी भर्ती परीक्षा को लेकर विवादों में आया व्यापम अब पूरी परीक्षा को ही निरस्त करने की तैयारी में है। 10 और 11 फरवरी को हुई कृषि विस्तार अधिकारी की भर्ती परीक्षा के परिणाम को लेकर संदेह के घेरे में आए व्यापम अब पूरी परीक्षा को निरस्त कर नए सिरे से परीक्षा कराने की तैयारी में है। गौरतलब है कि कृषि विस्तार अधिकारी परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतें आने के बाद खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे।
व्यापम ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर फर्जीवाड़े की जांच का दायित्व में मैपआईटी को सौंपा है। व्यापम से जुड़े सूत्र बताते है कि मैपआईटी को जांच में परीक्षा में कई गड़बड़ी मिली है और वह अब जल्द अपनी जांच रिपोर्ट सौंप सकता है,इसके बाद परीक्षा के निरस्त होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि मैपआईटी की जांच रिपोर्ट के बाद दोषी अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज की जा सकती है। इसके साथ पूरी परीक्षा भी निरस्त हो सकती है।
गौरतलब है कि कृषि विभाग की कृषि विस्तार अधिकारी परीक्षा उस वक्त विवादों में आ गई थी जब परीक्षा में शामिल उम्मीदवारों को 200 में से 175 से 195 तक के नंबर मिले थे। जबकि उक्त उम्मीदवारों का एकेडिमक रिकॉर्ड अच्छा नहीं है और सफल हुए उम्मीदवार दसवीं से लेकर पीजी तक की परीक्षा में औसत अंकों से पास हुए थे। इसके बाद परीक्षा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा की बात सामने आई थी। वही मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मांग की है
कृषि विस्तार अधिकारी की परीक्षा में गड़बड़ी और परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अब परीक्षा में शामिल प्रतिभागी सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे है। आंदोलनरत प्रतिभागियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग को नहीं माना गया है तो वह जल्द ही जेल भरो आंदोलन शुरु करेंगे।