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जानें कितना खतरनाक है ऑनलाइन लोन एप से लोन लेना, क्या है RBI और पुलिस की गाइडलाइन?

RBI की गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले ऑनलाइन लोन एप चलाने वालों को भेजा जागा जेल,

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विकास सिंह

, गुरुवार, 25 अगस्त 2022 (15:50 IST)
भोपाल। इंदौर में ऑनलाइन लोन एप के जाल में फंस कर एक परिवार के सुसाइड करने के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइडलाइन और कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना चलने वाले फाइनेंस कंपनियों के ऑनलाइन लोन एप पर शिंकजा कसने जा रही है। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि रिजर्व बैंक की गाइडलाइन का पालन किए बिना चलने वाले ऑनलाइन लोन एप को सूचीबद्ध करने के लिए साइबर क्राइम को जांच के निर्देश दिए गए है। ऐसे फाइनेंस कंपनी जो रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के बिना ऑनलाइन लोन एप चला रही है तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा। गृहमंत्री ने कहा कि साइबर सेल को इस संबंध में जांच के निर्देश दिए गए है।   
 
क्या है डिजिटल लोन एप पर RBI की गाइडलाइन?-ऑनलाइन डिजिटल लोन एप के नाम पर फाइनेंस कंपनियों की मनमानी और में धोखाधड़ी के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए रिजर्व बैंक इस महीने में सख्त नियम जारी किए हैं। नए नियमों के तहत अब नियामकीय दायरे में आने वाली कंपनियां ही ग्राहकों को डिजिटल लोन दे सकेंगी। आरबीआई की तरफ से बताया गया कि कंपनियों को लोन देने में कई तरह के मानक पूरे करने होंगे। कंपनियों को लोन एप्‍लीकेशन के समय ही कस्‍टमर को सभी तरह के शुल्क की जानकारी देनी होगी। आरबीआई ने यह भी कहा कि डिजिटल लोन देने वाली कंपनी ग्राहक की मर्जी के बगैर लोन की सीमा नहीं बढ़ा सकती।
 
नए नियमों के तहत डिजिटल लोन सीधे कर्ज लेने वालों के बैंक खातों में जमा करना होगा, न कि किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से। इसके अलावा आरबीआई ने कहा कि क्रेडिट मध्यस्थता प्रक्रिया में लोन सर्व‍िस प्रोवाइडरको देय शुल्क का भुगतान कर्ज लेने वालों को नहीं, बल्कि डिजिटल लोन देने वाली संस्थाओं को करना होगा। इसके साथ रिजर्व बैंक ने तीसरे पक्ष के बेलगाम जुड़ाव, गलत बिक्री, डेटा प्राइवेसी का उल्लंघन, अनुचित व्यावसायिक आचरण, अत्यधिक ब्याज दरों और अनैतिक वसूली प्रथाओं पर चिंता जताई है।  

ऑनलाइन लोन एप से लोन लेना क्यों खतरनाक?-ऑनलाइन लोन एप को लेकर रिजर्व बैंक ने जो गाइडलाइन जारी की है उसके पीछे एक नहीं कई कारण है। ऑनलाइन लोन एप से लोन लेना कितना खतरनाक है और लोगों को लोन लेने से क्यों बचना चाहिए,यह भी समझना जरूरी है। 
-इंस्टेंट लोन देने वाले ज्यादातर एप आरबीआई में रजिस्टर्ड नहीं होते हैं। 
-ऐसे ऑनलाइन एप से लोगों को ठगी का शिकार में बनाया जाता है। 
-ऑनलाइन लोन एप कर्ज पर भारी-भरकम ब्याज वसूलते हैं, जो बैंकों की तुलना में कई गुना अधिक होता है.
-एक भी किस्त समय पर नहीं भरने पर कई गुना पेनाल्टी।  
-एप कर्ज देने से पहले उपभोक्ता के फोन से संवेदनशील जानकारियां चुरा लेते हैं।
-उपभोक्ता के फोन में सेव नंबर्स के साथ ही तस्वीरों का भी एक्सेस कर लेते है। 
-अगर कर्ज लेने वाले से किस्तें चुकाने में देरी हुई, तो उनके साथ ब्लैकमेलिंग शुरू हो जाती है। 
-कर्जदार को धमकाने का काम करते हैं। 
-ऐसे में ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर लोग सुसाइड कर लेते हैं। ( जैसा इंदौर में हुआ) 
 
ऑनलाइन लोन एप पर पुलिस की एडवाइजरी-
मध्यप्रदेश पुलिस ने लोन एप्प के जरिए होने वाली धोखाधड़ी को लेकर एक एडवाइजरी भी जारी की है। मध्यप्रदेश पुलिस की एडवाइजर के मुताबिक ठगों द्वारा ऑनलाइन फ्रॉड के नए–नए तरीके से आम लोगों के साथ ठगी की जा रही है। ठग व्यक्ति को तत्काल लोन देने के नाम पर पहले व्यक्ति के मोबाइल पर एप्प डाउनलोड करवाते है जिससे संबंधित व्यक्ति के मोबाइल के कॉन्टैक्ट नंबर सहित सभी एक्सेस ठग के पास चले जाते है। ऐसे ठग 2 से 4 हजार का लोन बहुत कम अवधि के लिए देता है जब व्यक्ति उस लोन को चुका देता है फिर भी ठग संबंधित व्यक्ति के पर्सनल कॉन्टैक्ट नंबर पर उसके परिचितों को कॉल कर अपशब्द कहना, अश्लील बाते कर व्यक्ति को और पैसे डालने के लिए धमकी देता है, की अगर पैसे नही डाले तो तुम्हारे सभी रिश्तेदारों को परेशान करूंगा व्यक्ति अपनी इमेज खराब न हो इसलिए ठग द्वारा मांगे रुपए दे देता है परंतु ठग फिर वही तरीका अपनाकर पुनः ठगी करता है।
 
इस तरह की ठगी से बचने के लिए रहे सतर्क, ध्यान रखे निम्न बातों का:–
-किसी भी अनजान व्यक्ति या संस्था से लोन प्राप्त करने हेतु फर्जी एप्प को अपने मोबाइल में डाउनलोड ना करें।
-लोन अधिकृत बैंक/संस्था आदि से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर प्राप्त करे।
-लोन हेतु किसी भी अज्ञात व्यक्ति को ऑनलाइन अपने निजी दस्तावेज साझा ना करे।
-लोन हेतु प्रोसेसिंग फीस, की मांग की जाने पर किसी भी खाते/वालेट में राशि जमा न करे।
-कम ब्याज दर पर लोन देने हेतु प्रकाशित विज्ञापन पर भरोसा ना करे।
-ऐसे किसी भी प्रकार के ऑनलाइन फ्रॉड होंने पर तत्काल  क्राइम ब्रांच इंदौर पुलिस द्वारा संचालित CYBER HELPLINE NO.704912-4445 पर कॉल कर सूचित करे।
 

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