सीधी। मध्यप्रदेश के सीधी जिले के एक गांव की एक आदिवासी महिला ने बहादुरी की मिसाल पेश करते हुए अपने बच्चे की रक्षा के लिए एक तेंदुए से जा भिड़ी। महिला ने तेंदुए के पंजे से अपने 6 साल के बच्चे को छुड़ा लिया और उसकी जान बचा ली।
रविवार की रात को सीधी जिले के संजय बाघ अभयारण्य के बफर जोन के बड़ी झरिया गांव में हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरस हो रहा है। गांव में घर के बाहर खेल रहे बच्चे पर तेंदुए ने हमला कर दिया और उसे ले गया। इस पर भी महिला ने अपना संयम नहीं खोया और अपने अन्य बच्चों को झोंपड़ी में बंद कर वह तेंदुए के पीछे जंगल की ओर दौड़ पड़ी।
बच्चे की पीठ, गाल और आंखों पर चोटें आई हैं और हमले में उसकी मां भी घायल हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर बाबा रामदेव तक की दिग्गजों ने महिला के इस साहसिक कार्य की सराहना की है।
बैगा जनजाति की महिला किरण अपने तीन बच्चों के साथ अपनी झोंपड़ी के बाहर आग तापने के लिए बैठी थी, तभी अचानक एक तेंदुआ उसके बगल में बैठे 6 साल के बेटे राहुल को जबड़े में पकड़ कर जंगल की ओर भाग निकला।
अचानक हुई इस घटना से महिला सदमें तो थी लेकिन उसने साहस एवं समझदारी से काम लेते हुए करीब एक किलोमीटर तक जंगल में तेंदुए का पीछा किया। जंगल में तेंदुआ झाड़ियों में छिपकर बच्चे को अपने पंजों में जकड़े हुए था। किरण ने भी हार नहीं मानी और वह डंडे से तेंदुए को डराने की कोशिश करते हुए शोर मचाती रही।
तेंदुआ शायद महिला के साहस से डर गया और बच्चे को वहीं छोड़ दिया। किरण ने तुरंत बेटे को गोद में लिया लेकिन तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। हालांकि बेटे को बचाते हुए किरण ने बड़े साहस के साथ तेंदुए पर काबू पा लिया। इस दौरान किरण के मदद की गुहार सुनकर अन्य ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए और तेंदुआ जंगल में भाग गया।