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सम्मान के लिए अभी और संघर्ष करना पड़ेगा महिला पत्रकारों को

हमें फॉलो करें सम्मान के लिए अभी और संघर्ष करना पड़ेगा महिला पत्रकारों को
, सोमवार, 28 अगस्त 2017 (23:16 IST)
इंदौर। देश बदल रहा है और इस बदलाव से पत्रकारिता का क्षेत्र भी अछूता नहीं है। मीडिया में अब महिलाओं के लिए पहले से ज्यादा अवसर हैं, लेकिन विडम्बना है कि मीडिया हाउसेस में अब भी पुरुषवादी सोच हावी है। खुद को साबित करने के लिए महिला पत्रकारों को बहुत संघर्ष करना पड़ रहा है। गिनी-चुनी महिला पत्रकार ही मुकाम हासिल कर पाती हैं, यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। 

यह बात वूमंस प्रेस क्लब के स्थापना समारोह में मुख्य अतिथि शहर की महापौर मालिनी गौड़ ने  कही। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं का अहम योगदान रहता है। महिला पत्रकारों का जीवन  स्तर सुधारने के अभी और प्रयास करने होंगे। श्रीमती गौड़ ने कहा कि वे स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री से  बात करेंगी और महिला पत्रकारों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए योजना बनाने की मांग करेंगी।  उन्होंने यह भी कहा, मेरा वादा है कि नगर निगम में महिला पत्रकारों को विशेष महत्व दिया जाएगा।
 
'महिला पत्रकारों के हक, हैसियत और हिफाजत' विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए  महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने कहा कि हमारी लड़ाई पुरुषों से नहीं, बल्कि  महिलाओं से ही है। महिलाएं एक प्रवस्ति की शिकार रहती हैं। खुद एक-दूसरे को आगे बढ़ने से रोकती  हैं। मानसिकता ऐसी बना लेती हैं कि पुरुष की तरक्की देख लेंगी लेकिन अपनी महिला साथी की  तरक्की नही देख पातीं। अगर कोई महिला बड़ी पोस्ट पर बैठ जाए तो शॉर्टकट अपनाने का लांछन  लग जाता है। वूमंस प्रेस क्लब के माध्यम से समय-समय पर ऐसे मंथन होते रहने चाहिए, ताकि हम  आगे बढ़ सकें। इस विचारधारा में बदलाव की आवश्यकता है। 
 
उन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से जागरूकता आएगी और महिला  पत्रकारों की दशा व दिशा तय करने में मदद मिलेगी। उन्होंने अपने स्तर पर हरसंभव सहयोग का  आश्वासन दिया। नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष फौजिया शेख ने कहा कि हमें अपनी लड़ाई खुद लड़नी  पड़ेगी और अपना पक्ष भी समाज के सामने मजबूती से रखना पड़ेगा। 
 
उन्होंने कहा कि वे इस बात को भलीभांति महसूस कर सकती हैं कि वूमंस प्रेस क्लब का यहां तक का  सफर भी आसान नहीं रहा होगा। 250 महिला पत्रकारों को जोड़ लेना इतना आसान नहीं। इसके लिए  क्लब की अध्यक्ष शीतल रॉय बधाई की पात्र हैं। 
 
महिला कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती अर्चना जायसवाल ने भी महिला पत्रकारों की मौजूदा  स्थितियों पर चिंतन और मनन के लिए आयोजित संगोष्ठी की सराहना करते हुए कहा कि मंथन से  जो अमृत निकलेगा, वह महिला पत्रकारों को स्फूर्ति प्रदान करेगा और वे नए संकल्प के साथ आगे बढ़  सकेंगी।

उन्होंने कहा कि वूमंस प्रेस क्लब की अध्यक्ष शीतल रॉय स्वयं जुझारू, समर्पित और कर्मठ  पत्रकार हैं। वे क्लब को आगे ले जाने में सक्षम हैं। हमारा सहयोग उनके साथ है।
 
दुर्गा वाहिनी की क्षेत्रीय संयोजिका माला ठाकुर ने कहा कि अपनी लेखनी से दूसरों को मुकाम देने  वाली महिला पत्रकार आज स्वयं उचित मुकाम की तलाश में आखिर क्यों हैं? हमें इस पर गंभीरता से  विचार करना पड़ेगा। हर क्षेत्र में जब महिलाएं आगे बढ़ रही हैं तो पत्रकारिता के क्षेत्र में यह रफ़्तार  धीमी क्यों है? 
 
उन्होंने कहा कि वूमंस प्रेस क्लब केवल महिला पत्रकारों का क्लब नहीं, बल्कि हम सबका है और इसे  आगे ले जाने की जिम्मेदारी भी हम सबकी है। कार्यक्रम में उपस्थित डॉ. दिव्या गुप्ता ने भी वूमंस  प्रेस क्लब को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। 
 
इस मौके पर जिला पंचायत की अध्यक्ष सुश्री कविता पाटीदार ने कहा कि महिलाएं पुरुषों की तुलना  में पत्रकारिता के क्षेत्र में ज्यादा गंभीर हैं और खासकर महिलाओं पर होने वाले अपराधों पर संवेदशील  भी रहती हैं। वूमंस प्रेस क्लब के माध्यम से हमें महिला पत्रकारों से जुड़ने और उनकी चुनौतियों से  रूबरू होने का मौका मिलेगा। उनको समाज में सम्मान मिले, इसके लिए हरसंभव प्रयास करूंगी।
 
इस मौके पर बाल अपराध आयोग की सदस्य रजनी भंडारी का स्वागत किया गया। इससे पहले दीप  प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शरुआत हुई। वूमंस प्रेस क्लब अध्यक्ष शीतल रॉय ने महापौर मालिनी  गौड़ और महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष शोभा ओझा को प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया। 
 
स्वागत उद्बोधन में वूमंस प्रेस क्लब की अध्यक्ष शीतल रॉय ने कहा कि मध्यप्रदेश की हिन्‍दी  पत्रकारिता में इंदौर शहर का विशिष्ट स्थान है। इस शहर ने देश को कई नामी पत्रकार दिए हैं।  महिला पत्रकारों के लिए भी इंदौर शहर में काफी संभावनाएं हैं। इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया जब  वक्त के साथ और अधिक सशक्त होकर सामने आया है, ऐसे में महिला पत्रकारों के लिए अवसर भी  बढ़े हैं, लेकिन इसके साथ ही महिला पत्रकारों के लिए चुनौतियां भी बढ़ी हैं।
 
उन्होंने कहा, हम सबने महसूस किया कि रोज के कामकाज में आने वाली कठिनाइयों के समाधान की  आवाज उठाने के लिए महिला पत्रकारों का प्रथक से एक मंच होना चाहिए जो बाकी पत्रकार संगठनों  के साथ मिलकर काम कर सके। इसी बात को ध्यान में रखकर वूमंस प्रेस क्लब की आधारशिला रखी  गई। 
 
रॉय के अनुसार, यह संगठन समूचे प्रदेश की महिला पत्रकारों का प्रतिनिधित्व करता है। इसका  विस्तार हम प्रदेश के सभी जिलों में करने जा रहे हैं, ताकि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में प्रिंट और  इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कार्यरत महिला पत्रकारों को समवेत स्वर मिल सकें। 
 
उन्होंने बताया कि 10 दिनों के भीतर प्रदेश कार्यकारिणी गठित कर दी जाएगी। आज आप सभी वूमंस  प्रेस क्लब की स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। संगठन से जुड़ने वाली सभी बहनों को हम भरोसा दिलाना  चाहते हैं कि वूमंस प्रेस क्लब आपके हितों के लिए सदैव संघर्ष करेगा।

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