भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वर्चुअल सहभागिता में पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती सुशासन दिवस पर इंदौर में हुए 'मजदूरों के हित मजदूरों को समर्पित' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बटन दबाकर श्रमिकों को हितलाभ वितरण की प्रक्रिया का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिवादन किया तथा हुकुमचंद मिल के मजदूरों को वितरित होने वाले हितलाभ का चेक श्रमिक यूनियन के प्रतिनिधियों और लिक्विडेटर को सौंपा। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रीन बॉन्ड से अर्जित धनराशि से बनने वाले 60 मेगावाट सौर ऊर्जा प्लांट परियोजना का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री श्री यादव ने लगभग 429 करोड़ के जन कल्याणकारी विकास कार्यों का भूमिपूजन-लोकार्पण किया तथा 175 दिव्यांगजनों को रेट्रोफिटेड स्कूटी वितरित की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि आज का यह कार्यक्रम श्रमिक भाई-बहनों की वर्षों की तपस्या तथा सपनों और संकल्पों का परिणाम है। प्रसन्नता है कि आज पूर्व प्रधामनंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती है। इसके साथ ही प्रदेश की नई सरकार का पहला सार्वजनिक कार्यक्रम गरीब, संघर्षपूर्ण जीवन जी रहे श्रमिकों के लिए आयोजित करना और ऐसे कार्यक्रम में मुझे सहभागिता का अवसर देना मेरे लिए संतोष का विषय है। मुझे विश्वास है कि डबल इंजन की सरकार की नई टीम को हमारे श्रमिक परिवारों का भरपूर आशीर्वाद मिलेगा। गरीब का आशीर्वाद और उनका स्नेह क्या कमाल कर सकता है यह मेरी अच्छी तरह जानता हूँ। मुझे यकीन है कि मध्यप्रदेश की नई टीम आने वाले दिनों में ऐसे ही कई ओर उपलब्धियां हासिल करेगी। मुझे बताया गया है कि जब हुकुमचंद मिल के श्रमिकों के लिए पैकेज का ऐलान किया गया तब इंदौर में उत्सव का माहौल निर्मित हो गया था। इस निर्णय से हमारे श्रमिक भाई-बहनों में त्यौहारों का उल्लास और बढ़ा दिया है।
स्वच्छता और स्वाद के लिए मशहूर इंदौर कई क्षेत्रों में अग्रणी- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वच्छता और स्वाद के लिए मशहूर इंदौर कई क्षेत्रों में अग्रणी रहा है। इंदौर के विकास में यहां के कपड़ा उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यहां के 100 साल पुराने महाराजा तुकोजीराव क्लॉथ मार्केट की ऐहितासिकता से आप सब परिचित हैं। शहर की पहली कॉटन मिल की स्थापना होलकर राजघराने ने की थी। मालवा का कपास ब्रिटेन और कई यूरोपीय देशों में जाता था, और वहाँ मिलों में कपड़ा बनाया जाता था। एक समय था जब इंदौर के बाजार कपास के दाम निर्धारित करते थे। इंदौर में बने कपड़ों की माँग देश-विदेश में होती थी। यहाँ कपड़ा मिलें रोजगार का बड़ा केन्द्र बन गई थीं। इन मिलों में काम करने वाले कई श्रमिक दूसरों राज्यों से आए और यहाँ घर बसाया, यह वह दौर था जब इंदौर की तुलना मैनचेस्टर से होती थी। लेकिन समय बदला और पहले की सरकारों की नीतियों का नुकसान इंदौर को भी उठाना पड़ा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार इंदौर के उस पुराने गौरव को फिर से लौटाने का भी प्रयास कर रही है। भोपाल-इंदौर के बीच इन्वेस्टमेंट कॉरीडोर का निर्माण किया जा रहा है। इंदौर-पीथमपुर इकॉनामिक कॉरीडोर एवं मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का विकास हो, विक्रम उद्योगपुरी में मेडिकल डिवाइस पार्क हो, धार जिले में भैंसोला में पीएम मित्र पार्क हो, सरकार द्वारा इन पर हजारों करोड़ों रूपए का निवेश किया जा रहा है। इससे यहाँ रोजगार के हजारों नए अवसर बनने की संभावना है। विकास के इन प्रोजेक्ट्स से यहाँ की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ेगी। मध्यप्रदेश का बहुत बड़ा क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। इंदौर सहित मध्यप्रदेश के कई शहर विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन का प्रेरक उदाहरण बन रहे हैं। इंदौर में एशिया का सबसे बड़ा गोवर्धन प्लांट भी संचालित हो रहा है। इलेक्ट्रानिक वाहनों के संचालन को बढ़ावा देने के लिए यहाँ ई-चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हो रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर के जनप्रतिनिधयों का अभिवादन करते हुए कहा कि इंदौर नगर निगम ने स्वच्छता के क्षेत्र में वर्ष दर वर्ष उपलब्धियां अर्जित की हैं। जनप्रतिनिधियों, श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के निरंतर संघर्ष से ही हुकुमचंद मिल मजदूरों की समस्या के समाधान की उपलब्धि अर्जित हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर उनका स्मरण करते हुए कहा कि वाजपेयी जी अद्भुत व्यक्तित्व के धनी थे, सभी को साथ लेकर चलने का उनका स्नेहमयी स्वभाव सदैव स्मरणीय रहेगा। उन्होंने उज्जैन की बड़नगर तहसील में अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की, उन्हें इंदौर की छप्पन दुकान की चाट प्रिय थी, वे कहते थी कि मैं मूलत: मालवी व्यक्ति हूँ।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह प्रसन्नता और गर्व का विषय है कि दुनिया के सबसे तेज गति से बढ़ने वाले नगरों में लोकमाता अहिल्या बाई की नगरी इंदौर शामिल है। लोकमाता अहिल्या बाई ने अपना पूरा राज्य महादेव को समर्पित कर एक सेविका बन आदर्श जीवन व्यतीत किया। वे होलकर वंश की सम्राज्ञी थीं, लेकिन उन्होंने पूरे देश में धार्मिक स्थानों का जीर्णोद्धार कराया, केदारनाथ, जमुनोत्री, गंगोत्री, रामेश्वरम, द्वारका, बनारस आदि तीर्थ स्थानों पर उनका योगदान आज भी दिखाई देता है। महाकाल की सवारी के लिए मुखौटों का उपहार देकर उज्जैन का भी विशेष मान बढ़ाया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में गरीब मजदूरों की कठिनाइयां कम हुई हैं। श्रमिक परिवारों की चुनौतियों से मैं भलीभांति परिचित हूँ। प्राय: उद्योग स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई प्रकार की सहायता उपलब्ध कराई जाती है, और यह उद्योग रोजगार उपलब्ध कराने का प्रभावी माध्यम भी बनते हैं। परंतु किन्हीं कारणों से उद्योग बंद हो जाने की स्थिति में श्रमिक परिवारों को कठिन चुनौती सामना करना पड़ता है। प्राय: मजदूरों की देनदारियों केह मामले न्यायालय में उलझ जाते हैं। उज्जैन की विनोद-विमल मिल का मामला भी इसी प्रकार से उलझा था, जिसका निराकरण सरकार का व्यापक दृष्टिकोण रखते हुए कराया गया, यह प्रदेश में निराकरण का पहला प्रकरण था। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और इंदौर के जनप्रतिनिधियों व श्रमिक संगठनों के नेताओं ने समस्या के निराकरण की ओर कदम बढ़ाए और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सहमति से इंदौर के 4 हजार 800 श्रमिकों को उनका हक दिलाने का मार्ग प्रशस्त हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार माना।
'मजदूरों का हित मजदूरों को समर्पित कार्यक्रम' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलुद में 308 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे सौर ऊर्जा प्लांट का शिलान्यास किया। यह सौर ऊर्जा प्लांट 220 एकड़ की भूमि पर बनेगा। उक्त सौर ऊर्जा प्लांट की स्थापना से इंदौर शहर में जल आपूर्ति के लिए नर्मदा नदी की पंपिंग पर नगर निगम द्वारा प्रति माह होने वाले लगभग 25 करोड़ के खर्चे में 4 करोड़ की मासिक बचत की जाएगी। इस परियोजना के माध्यम से प्रतिवर्ष 90 हजार कार्बन क्रेडिट भी अर्जित होगा तथा CO2 उत्सर्जन में इतनी कमी आएगी जिसके लिए लगभग 90 लाख पेड़ लगाने पड़ते। एनएसई में पंजीकृत इंदौर नगर निगम देश का पहला ऐसा नगरीय निकाय है जिसने ग्रीन बॉन्ड का पब्लिक इश्यू जारी कर उससे अर्जित धनराशि से यह सौर ऊर्जा प्लांट की स्थापना की शुरुआत की है।