भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि प्रदेश में योग आयोग का गठन किया जाएगा। योग की शिक्षा का कार्य अभियान के रूप में चलेगा। इसके साथ ही योग विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञों और अनुभवी योगाचार्यों से मार्गदर्शन प्राप्त किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि चौहान ने हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ न्यास के संस्थापक स्वामी रामदेव, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के साथ चर्चा के पश्चात यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल विभाग की गतिविधियों में भी योग को शामिल किया जाएगा। राष्ट्रभक्त, चरित्रवान और परोपकारी नागरिक तैयार करने में भी योग की शिक्षा का उपयोग किया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने योगपीठ सभाकक्ष में स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, न्यास के पदाधिकारियों, विद्यार्थियों, उपस्थित नागरिकों, विद्वतजन और आमंत्रित श्रोताओं को अपने संबोधन से मंत्रमुग्ध कर दिया। योगपीठ के सभाकक्ष में मुख्यमंत्री ने भारतीय सनातन संस्कृति, भारतीय योग परम्परा, विश्व के राष्ट्रों में भिन्न-भिन्न विचारधाराओं के प्रारंभ और समाप्त होने के साथ ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन, वर्तमान वैश्विक चुनौतियों और भारत के नेतृत्व को मिल रहे समर्थन के संबंध में विस्तार से विचार व्यक्त किए।
चौहान बाबा रामदेव की उपस्थिति में योगपीठ, हरिद्वार में 'वैश्विक चुनौतियों का सनातन समाधान-एकात्म बोध' संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। चौहान ने योग विज्ञान के महत्व की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अनेक वर्ष से नियमित रूप से योग कर रहे हैं।
मुख्य रूप से प्राणायाम, भस्त्रिका, अनुलोम-विलोम, कपाल भाति आदि के साथ ही श्वांस लेने और छोड़ने के अभ्यास कर रहे हैं। गति के साथ सांस लेने के साथ नई ऊर्जा, नई चेतना और नई शक्ति शरीर को मिलती है, सांस छोड़ने पर अनेक विकार और कुविचार बाहर निकल आते हैं।