रामायण काल और महाभारत काल के हजारों वर्षों के अंतराल है। श्री राम कथा को महर्षि वाल्मीकि ने लिखा और महाभारत को महर्षि वेद व्यास ने लिखा। रामायण में 24,000 छंद शामिल हैं, जबकि महाभारत को अब तक की सबसे लंबी ग्रन्थ माना जाता है, और इसमें लगभग 100,000 छंद शामिल हैं। रामायण और महाभारत की घटनाओं की 10 आश्चर्यजनक समानताएं हैं लेकिन अब जानिए आप दोनों में 10 अंतर।
रामायण और महाभारत युद्ध में अंतर | Difference between Ramayana and Mahabharata:
1. रामायण काल का युद्ध एक पवित्र स्त्री के लिए लड़ा गया जबकि महाभारत का युद्ध राज्य के बंटवारे के लिए लड़ा गया था। राम का रावण के साथ युद्ध करना एक नियति थी जबकि कौरवों और पाण्डवों का युद्ध पारस्परिक द्वेष और ईर्ष्या के कारण हुआ।
2. रामायण के युद्ध के अंत के बाद रावण के भाई विभीषण को लंका का राजा माना जाता है, श्रीराम का राज्याभिषेक होता है और लव एवं कुश की कथा की शुरुआत होती है, जबकि महाभारत के युद्ध के अंत के बाद और फिर यदुवंशियों के नाश के बाद सभी पांडव स्वर्ग चले जाते हैं। श्री राम अंततः अपने अवतार को पूरा करने के लिए सरयू नदी में प्रवेश करते हैं, जबकि पांडव जहां स्वर्ग चले जाते हैं वहीं श्रीकृष्ण का एक तीर लगने से निर्वाण हो जाता है।
3. रामायण में प्रभु श्रीराम को महान अवतार के बजाया मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में चित्रित किया गया जबकि श्रीकृष्ण को महाभारत में भगवान के अवतार के रूप में चित्रित किया गया।
4. रामायण की कथा में त्याग, नीति और सपर्पण को बताया गया है जबकि महाभारत की कथा में शक्ति, अधिकार और ज्ञान को बताया गया है। रामायण में हर कोई सिंहासन त्यागना चाहता है जबकि महाभारत में हर कोई सिंहासन पर बैठना चाहता है।
5. रामायण में केवल श्रीराम और उनके परिवार का चरित्र चित्रण है जबकि महाभारत में एक राज परिवार सहित कई लोगों का चरित्र चित्रण और कहानियां हैं। महाभारत के हर पात्र की अपनी एक अलग ही गाथा है। इसके अलावा महभारत में अनेक उपाख्यान भी भरे पड़े हैं। रामायण का नायक एक ही है जबकि महाभारत में मुख्य पात्रों के बीच में किसी एक का नायक के रूप में चयन करना मुश्किल है।
6. रामायण में केवल राम और रावण की सेना का युद्ध था जबकि महाभारत में कौरव एवं पांडवों की सेना के साथ कई सेनाओं ने युद्ध लड़ा था। यह विश्व युद्ध जैसा ही था। एक युद्ध लंका में लड़ा गया और दूसरा युद्ध कुरुक्षेत्र में।
7. रामायण की शैली में एकरूपता है और महाभारत की शैली में भिन्नता है। रामायण की भाषा कलात्मक, परिष्कृत, अलंकृत है, जबकि महाभारत की भाषा प्रभावशाली एवं ओजयुक्त है। रामायण को वाल्मीकि के अलावा आचार्य तुलसीदास तक कई विद्वानों ने लिखा लेकिन महाभारत तो वेद व्यास द्वारा लिखा ही प्रचलित है। राम कथा को हजारों तरीके से लिखा, पढ़ा और सुनाया गया लेकिन महाभारत को नहीं।
8. रामायण में नीति तो है लेकिन महाभारत के गीता जैसा उपदेश नहीं। युद्ध के क्षेत्र में गीता का संदेश महाभारत का ही चमत्कार है। इसके बावजूद रामायण में जीवन का सार छुपा हुआ है, क्योंकि श्रीराम की जीवन ही गीता के समान है।
9. रामायण में धर्म प्रधान तत्व है जबकि महाभारत में कर्म और शौर्य प्रधान तत्व है। रामायण में सदाचार और नैतिकता का प्राधान्य है। जबकि महाभारत में राजनीति और कूटनीति का प्रधान है। एक बार अरुण गोविल ने कहा था कि रामायण हमें सिखाता है कि क्या करना चाहिए और महाभारत हमें सिखाता है कि क्या नहीं करना चाहिए।
10. रामायण में दक्षिण भारत को एक विशाल जंगल की तरह चित्रित किया गया है, जहां वानर, भालू और रीछ जैसे हिंसक पशु तथा विराध व कबंध जैसे राक्षस रहते थे। महाभारत में दक्षिण भारत के चित्रण किंचित मात्र है।