Kaliyuga: रामायण और महाभारत का काल भारत के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण काल रहा है। इस काल को मिथकीय बनाने का प्रयास विफल रहा है। रामायण काल के ऐसे कई योद्धा हैं जिन्होंने महाभारत के युद्ध में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनमें से कई योद्धा कलयुग में भी प्रकट होंगे, लेकिन कलयुग में वे क्या करेंगे। आओ जानते हैं महत्वपूर्ण जानकारी।
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रामायण काल के ये योद्धा महाभारत काल में भी थे: जामवंत, हनुमानजी, मयासुर, परशुराम, महर्षि दुर्वासा।
परशुराम : विष्णु के छठे 'आवेश अवतार' परशुराम सतयुग में थे। त्रैता में श्रीराम ने जब धनुष तोड़ा तो राजा जनक की सभा में पहुंच गए थे। श्रीराम को उन्होंने अपना धनुष दिया था। द्वापर में उन्होंने श्रीकृष्ण को चक्र दिया और कर्ण को ब्रह्मास्त्र की शिक्षा दी थी और भीष्मपितामह से युद्ध किया था। कलयुग में वे भगवान कल्कि का साथ देंगे।
हनुमानजी : सर्वशक्तिशाली और भक्तों के कृपालु हनुमानजी का प्रताप तो चारों युगों में है। वे त्रेतायुग में श्रीराम के समय भी थे और द्वापर में श्रीकृष्ण के समय भी थे। बहुत कम लोग जानते होंगे कि महाभारत के युद्ध में श्रीहनुमानजी के कारण ही पांडवों को विजय मिली थी। अर्जुन और श्रीकृष्ण को उन्होंने उनकी रक्षा का वचन दिया था तभी तो वे उनके रथ के ध्वज पर विराजमान हो गए थे। इससे पहले वे भीम का अभिमान को चूर चूर कर देते हैं जब एक जंगल में भीम उनसे अपनी पूंछ हटाने का कहता है तो हनुमानजी कहते हैं तू तो शक्तिशाली है तू ही मेरी पूंछ हटा दे। लेकिन भीम अपनी सारी शक्ति लगाकर भी जब वह पूंछ नहीं हटा पाता है तो वे समझ जाते हैं कि यह कोई साधारण वानर नहीं स्वयं हनुमानजी हैं। अब वे कलयुग में भगवान कल्कि का साथ देगें।
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महाभारत काल के योद्ध लड़ेंगे कलयुग में चौथा महायुद्ध : इसके अलावा महाभारत काल के बर्बरीक, युयुत्सु, बलराम, उडुपी के राजा, संजय, विभीषण, कृपाचार्य, वेदव्यास, मार्कण्डेय ऋषि, विदुर, धृतराष्ट्र, रुक्म, पांचों पांडव सहित कई योद्ध कलयुग में नए नामों से भगवान कल्कि का साथ देंगे। इसी के साथ ही मयासुर, राजा बलि, अश्वत्थामा और महर्षि दुर्वासा आदि भी प्रकट होकर युद्ध लड़ेंगे।
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