राजा द्रुपद की पुत्री द्रौपदी ने पांच पांडवों युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल और सहदेव से विवाह किया था। द्रौपदी इन पांचों पांडवों में से सबसे ज्यादा प्रेम अर्जुन को करती थीं लेकिन अपनी अन्य पत्नी सुभद्रा पर एकाधिकार से अर्जुन को शांति मिलती थी। दूसरी ओर पांडवों में भीम ही एकमात्र ऐसे पांडव थे जो कि द्रौपदी से सर्वाधिक प्रेम करते थे।
द्रौपदी को इस बात को लेकर कष्ट होता रहता था कि अर्जुन अपनी अन्य पत्नियों सुभद्रा, उलूपी, चित्रांगदा से प्रेमव्यवहार में व्यस्त रहते थे। युधिष्ठिर और द्रौपदी का संबध धर्म से था। नकुल सहदेव सबसे छोटे थे, अतः उन्हें बाकी भाइयों का अनुसरण करना होता था। इन सबके बीच भीम ही ऐसे व्यक्ति थे, जोकि द्रौपदी से बहुत प्रेम करते थे, जिसे उन्होंने कई प्रकार से प्रदर्शित भी किया। लेकिन इसका अहसास द्रौपदी को बहुत बाद में हुआ। इस संबंध में अन्य कथा जानने के लिए नीचे की लिंक पर क्लिक करें।
भीम द्रौपदी को सबसे ज्यादा प्रेम करते थे और उन्होंने द्रौपदी का हर कदम पर साथ दिया था। साथ ही वह द्रौपदी की हर इच्छा की पूर्ति करते थे। कुछ उदाहरणों से यह जाना जा सकता है। जैसे...
*भीम ने कुबेर के अद्भुत उद्यान से द्रौपदी के लिए दिव्य सुगंध वाले पुष्प लाए थे।
*भीम ने मत्स्य वंश के राजा कीचक का वध किया क्योंकि उसने द्रौपदी के साथ दुर्व्यवहार किया था।
*वनवास के दौरान घने जंगल में भीम द्रौपदी को अपने भुजाओं में उठाकर चलते थे, जिससे उसे चलने में कष्ट न हो।
*भीम ने ही द्रौपदी चीर हरण के बाद 100 कौरवों का अंत करने का वचन लिया।
*अज्ञातवास के दौरान जब द्रौपदी को रानी सुदेशना की दासी बनना पड़ा तो भीम को अपार कष्ट हुआ।
*महाभारत युद्ध के 14वें दिन भीम ने ही चीरहरण करने वाले दुःशासन का वध कर उसके सीने का रक्त द्रौपदी को केश धोने के लिए दिया। इससे ही 15 साल बाद द्रौपदी ने पुनः अपने केश बांधे।
इस तरह हमने देखा की द्रौपदी के लिए भीम ने बहुत से ऐसे कार्य किए जिससे यह पता चलता है कि वे द्रौपदी का कितना ध्यान रखते थे।