मुंबई। इस साल होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से ये सुगबुगाहट शुरू हो गई है कि क्या भाजपा और शिवसेना एकसाथ चुनाव लड़ेंगे या 2014 की तरह चुनाव से पहले ही अलग हो जाएंगे। सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों में तनाव की स्थिति बन सकती है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी सहयोगी गिरीश महाजन का कहना है कि अगर भाजपा महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ती है तो वह 288 सीटों में से 160 सीटें (बहुमत) जीतेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि हमारा पहला विकल्प शिवसेना के साथ गठबंधन को बरकरार रखना होगा।
भाजपा ने 2014 में अपने दम पर 288 निर्वाचन क्षेत्रों में से 260 सीटों पर चुनाव लड़ा था। भाजपा ने 122 और शिवसेना ने 63 सीटें हासिल की थीं। चुनाव बाद दोनों ने मिलकर सरकार बनाई। हालांकि दोनों दलों ने 2019 का लोकसभा चुनाव समान सीटों पर लड़ा।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित महाराष्ट्र के पार्टी नेताओं के साथ मुंबई में एक बैठक की, लेकिन सहयोगी शिवसेना से दूर रहे। अपनी मुंबई यात्रा के दौरान उन्होंने मालाबार हिल क्षेत्र में मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास 'वर्षा' का भी दौरा किया।
रविवार शाम को शाह ने सोलापुर में आगामी राज्य विधानसभा चुनावों से पहले फडणवीस की 'महाजनदेश यात्रा' के दूसरे चरण के समापन के दौरान एक रैली को संबोधित किया। विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के कई विधायक और नेता हाल के हफ्तों में भाजपा या शिवसेना में शामिल हुए हैं।