Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए दिवाली बाद चर्चा करेंगे भाजपा-शिवसेना

हमें फॉलो करें महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए दिवाली बाद चर्चा करेंगे भाजपा-शिवसेना
, शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2019 (23:32 IST)
मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा और शिवसेना गठबंधन को 161 सीटों पर विजय हासिल हुई है और दोनों पार्टियां सरकार बनाने के लिए अब दीपावली के बाद बैठक करेंगे।

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने एक बयान मे कहा कि लोकसभा के चुनाव के पूर्व भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के संबंध में सारी बातें हो गई थीं और अब समय आ गया है कि उसे याद दिलाया जाए। ठाकरे ने कहा कि वह अपनी पार्टी के नेताओं के साथ पहले बैठक करेंगे उसके बाद वह भाजपा के नेताओं के साथ बैठक कर सरकार बनाने के संबंध में विस्तृत चर्चा करेंगे।
इस चुनाव में भाजपा शिवसेना गठबंधन को 288 सीटों में से 161 सीटों पर जीत मिली है। भाजपा को सबसे अधिक 105, शिवसेना को 56, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं।

छोटी पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों में, बहुजन विकास अघाड़ी ने तीन सीटें जीतीं, जबकि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन दो सीटों पर, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना एक, स्वाभिमानी शेतकरी पार्टी, माकपा, राष्ट्रीय समाज पार्टी, जन सुराज पार्टी और क्रांति शेट्टी पार्टी ने एक-एक सीट हासिल की है। इसके अलावा 13 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीते हैं।

चुनाव के बाद कांग्रेस ने कहा कि वह जनता के फैसले का सम्मान करते हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कहा यदि शिवसेना सरकार बनाना चाहे तो हम उसे समर्थन के लिए तैयार हैं। हालांकि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सभी अटकलों को दूर करते हुए कहा कि सरकार उनके गठबंधन की ही होगी।

चारों प्रमुख दलों का मत प्रतिशत घटा : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के आए नतीजों के मुताबिक 2014 के 122 सीटों के मुकाबले भाजपा इस बार 105 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी। चुनाव आयोग के आंकड़े के अनुसार पार्टी को 17 सीटों का नुकसान होने के साथ कुल मिले मतों में भी करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।

आंकड़ों के मुताबिक भाजपा के अलावा महाराष्ट्र की राजनीति की तीन अहम पार्टियों शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मत प्रतिशत में भी गिरावट आई है। इसकी वजह कई सीटों पर बागियों के मिले मत हैं।

भाजपा ने 2014 में 260 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे और उसके खाते में कुल पड़े मतों का 27.8 प्रतिशत गया जो इस चुनाव में घटकर 25.7 फीसदी रह गया। हालांकि, इस पिछले चुनाव में अकेले भाजपा लड़ी थी, लेकिन इस बार वह शिवसेना के साथ गठबंधन में उतरी थी।

शिवसेना को 288 सदस्यीय विधानसभा में 16.4 फीसदी मतों के साथ 56 सीटों पर जीत मिली है। इस प्रकार पिछले चुनाव के मुकाबले उसे सात सीटों और 2.9 फीसदी मतों का नुकसान हुआ है। हालांकि इस बार पार्टी ने 124 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे जबकि पिछली बार 282 पर उसने दावेदारी की थी।

इस चुनाव में निर्दलीय सहित 28 गुटों को कुल 23.06 प्रतिशत मत मिले हैं जो 2014 के चुनाव के मुकाबले नौ फीसदी अधिक है और इन दलों को 19 सीटें मिली थीं। इन छोटे दलों में प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अगाड़ी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएमआईएम) शामिल हैं। इस बार 13 निर्दलीय जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।

शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को इस बार 16.7 फीसदी के साथ 54 सीटें मिली है, जो 2014 के मुकाबले 13 सीटें अधिक है। हालांकि राकांपा के मत प्रतिशत में गिरावट आई है। पार्टी को 2014 में 17.2 प्रतिशत मत मिले थे। पार्टी ने 2019 में 117 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे।

कांग्रेस को 2014 के 18 फीसदी के मुकाबले इस बार 15.9 प्रतिशत मिले हैं। हालांकि, उसकी सीटें 42 से बढ़कर 44 हो गई है। कांग्रेस ने इस बार 147 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे जबकि पिछली बार 287 सीटों पर दावेदारी की थी। राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के मत प्रतिशत में भी गिरावट आई है। पार्टी को 2.3 प्रतिशत मत मिले हैं जो 2014 के मुकाबले 1.4 फीसदी कम है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

देशभर की आज की टॉप 20 खबरें एक नजर में