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Maharashtra : महाराष्ट्र की राजनीति फिर गर्माई, महायुति में खटपट, किस बात को लेकर नाराज हैं शिंदे, गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मुंबई/ नई दिल्ली , बुधवार, 19 नवंबर 2025 (19:20 IST)
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों के बीच महायुति खटपट के बीच उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दिल्ली रवाना होने से राजनीति गरमा गई है। एकनाथ शिंदे ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। शिंदे गुट के मंत्रियों द्वारा कैबिनेट बैठक का बहिष्कार करने के बाद नाराजगी बढ़ गई है। मीडिया खबरों के मुताबिक महायुति में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। मीडिया खबरों के मुताबिक नगर निगम चुनाव की राजनीति को लेकर गठबंधन में सहयोगी दलों से मतभेद हो गया है।

शिंदे और अमित शाह की मुलाकात में क्या समाधान निकलेगा, अब इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ के घटक दलों में भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल हैं।
 
पिछले दिनों मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार ने जब बाल ठाकरे स्मारक के न्याय के अध्यक्ष और सदस्यों का ऐलान किया था तो इसमें एकनाथ शिंदे को जगह नहीं मिली, बल्कि उन्होंने उद्धव ठाकरे को चेयरमैन बनाते हुए आदित्य और सुभाष देसाई में इसमें रखा।
एनसीपी ने कहा- भाजपा को अब एकनाथ शिंदे की जरूरत नहीं
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना के मंत्रियों के बीच कथित खींचतान यह दर्शाती है कि भाजपा को अब उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की जरूरत नहीं है। शिवसेना के मंत्रियों के कथित तौर पर मंत्रिमंडल की बैठक से नदारद रहने के बाद शिंदे द्वारा अकेले बैठक में शामिल होने संबंधी खबरों का हवाला देते हुए राकांपा (एसपी) के प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने कहा कि घटनाक्रम से पता चलता है कि ‘‘फडणवीस को शिंदे के प्रति कोई सम्मान नहीं है’’ और मंत्रियों को भी उपमुख्यमंत्री के प्रति ‘‘कोई खास सम्मान नहीं’’ है। 
 
क्रास्टो ने ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा कि यदि एकनाथ शिंदे में थोड़ा भी आत्मसम्मान है तो उन्हें भाजपा के साथ गठबंधन छोड़ देना चाहिए। अगर वह सही समय पर बाहर नहीं निकले, तो उन्हें जल्द ही बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। 
बीजेपी के कार्यकर्ता शिवसेना में
शिंदे को छोड़कर शिवसेना के मंत्रियों ने मंगलवार को साप्ताहिक मंत्रिमंडल की बैठक में कथित तौर पर भाग नहीं लिया था। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा ने राज्य के कई हिस्सों में शिवसेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल कर लिया है। इससे स्थानीय निकाय चुनाव से पहले ‘महायुति’ गठबंधन में बेचैनी बढ़ गई है। बाद में फडणवीस और शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के मंत्रियों के बीच बैठक हुई। पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि बैठक में यह तय किया गया है कि ‘महायुति’ के सहयोगी दल एक-दूसरे के नेताओं को पार्टी में शामिल करने से बचेंगे। Edited by : Sudhir Sharma

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