Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

संजय शिरसाट कराना चाहते हैं एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे में सुलह, जानिए क्या कहा?

महाराष्ट्र में शिवसेना के मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि वह अपनी पार्टी और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के बीच सुलह कराने को तैयार हैं, लेकिन पहले दिल मिलना जरूरी है।

Advertiesment
हमें फॉलो करें संजय शिरसाट कराना चाहते हैं एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे में सुलह, जानिए क्या कहा?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, रविवार, 2 फ़रवरी 2025 (11:31 IST)
Maharashtra Politics : आने वाले समय में महाराष्‍ट्र की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। उपमुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे में सुलह हो सकती है। महाराष्ट्र में शिवसेना के मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि वह अपनी पार्टी और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना यूबीटी के बीच सुलह कराने को तैयार हैं, लेकिन पहले दिल मिलना जरूरी है।
 
शिवसेना प्रवक्ता शिरसाट ने एक मराठी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि वह और उनकी पार्टी के कई सहयोगी आज भी शिवसेना (उबाठा) नेताओं के साथ अच्छे संबंध रखते हैं। बाल ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना में दो फाड़ होने से वह खुश नहीं हैं, जिसका नेतृत्व अब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कर रहे हैं।
 
यह पूछे जाने पर कि अगर उन्हें मौका मिले तो क्या वह सुलह कराने की कोशिश के लिये तैयार हैं, शिरसाट ने कहा कि मैं ऐसा करने को तैयार हूं, लेकिन पहले दिल मिलना जरूरी है। दोनों दलों के नेता अब भी एक-दूसरे से गर्मजोशी से मिलते हैं। लेकिन दूरी इतनी हो गई है कि अगर इसे अभी नहीं मिटाया गया तो बाद में संबंधों को सुधारना मुश्किल हो जाएगा।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना (यूबीटी) नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे (34) सुलह करा सकते हैं, शिरसाट ने कहा कि युवा नेता ऐसी स्थिति में नहीं है क्योंकि उनकी उम्र अभी उतनी नहीं हैं।
 
शिरसाट ने शिवसेना यूबीटी नेताओं की बयानबाजी का जिक्र करते हुए कहा कि हम एक-दूसरे की गलतियों को माफ कर सकते हैं। अगर आपको लगता है कि एक-दूसरे को अपमानित करके आप साथ आ सकते हैं, तो यह संभव नहीं है।
 
जून 2022 में मूल शिवसेना पार्टी दो गुटों में बंट गई जब शिंदे ने विद्रोह कर दिया था और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया था। इसके बाद, उन्हें पार्टी का नाम और इसका चुनाव चिह्न धनुष और बाण मिला। विभाजन के बाद से, शिवसेना के दोनों गुट एक-दूसरे पर लगातार बयानबाजी कर हैं।
 
पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा नीत महायुति गठबंधन में भागीदार शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने 288 सीट में से 57 सीट जीती थीं। इसके विपरीत, महा विकास आघाडी (MVA) के तहत कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ गठबंधन करने वाली शिवसेना (उबाठा) को केवल 20 सीट मिलीं। कुल मिलाकर, महायुति ने 230 सीट जीतीं, जबकि एमवीए को सिर्फ 46 सीट मिलीं।
edited by : Nrapendra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

LIVE: वसंत पंचमी से एक दिन पहले महाकुंभ में श्रद्धालुओं का सैलाब, एक्शन में CM योगी