Tabrez Ranas statement on Aurangzeb : औरंगजेब पर अबू आजमी के बयान पर विवाद थमा नहीं कि अब मुनव्वर राणा के बेटे का बयान सामने आया है। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में तबरेज राणा ने कहा कि औरंगजेब ने 48 साल तक राज किया। अगर उसने उन 48 सालों में हिन्दुओं का कत्लेआम किया होता तो उसने बहुतों को मार डाला होता। क्या तब हिन्दू बच पाते? क्या उसने मंदिर तोड़ दिए होते? क्या मंदिर 48 साल तक बचे रहते? इन 10 सालों की सरकार में बुलडोजर चलाए गए। अबू आजमी पर एक्शन लेते हुए महाराष्ट्र विधानसभा से आजमी को निलंबित कर दिया गया। उन पर कई जगहों पर एफआईआर भी दर्ज कराई गई।
पिता के बारे में क्या कहा : तबरेज राणा ने कहा कि जब मेरे दिवंगत पिता मुनव्वर राणा बुरे हो सकते हैं...उनकी क्या गलती थी? कि वे 'गोडसे' के दौर में 'गांधीगिरी' कर रहे थे...यह (विवाद) तब होता है जब हमारे पास दिखाने के लिए कुछ नया नहीं होता। अगर हमने कुछ नया, कुछ अच्छा किया होता, तो हम अतीत में नहीं जाते...आप मुगल से नफरत करते हैं लेकिन मुगलई को पसंद करते हैं।
सोशल मीडिया पर लिखा सादगी से जीता था औरंगजेब : तबरेज राणा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा है कि औरंगजेब बहुत सादगी से जीवन जीता था। तबरेज ने अपने पिता की शायरी को शेयर करते हुए कहा कि औरंगजेब इतना खराब नहीं था, जितना दिखाया गया है।
गर्माई हुई है महाराष्ट्र की सियासत : महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी द्वारा औरंगजेब पर दिए एक बयान के बाद सियासत गर्माई हुई है। आजमी ने औरंगजेब का बचाव करते हुए बयान दिया था कि मैं 17वीं सदी के मुगल बादशाह औरंगजेब को क्रूर, अत्याचारी या असहिष्णु शासक नहीं मानता। इन दिनों फिल्मों के माध्यम से मुगल बादशाह की विकृत छवि बनाई जा रही है।
आजमी को अखिलेश का साथ : अबू आजमी के समर्थन में सपा प्रमुख अखिलेश यादव आए थे। यादव ने कहा था कि अगर निलंबन का आधार विचारधारा से प्रभावित होने लगे तो अभिव्यक्ति की आजादी और अधीनता में क्या अंतर रह जाएगा? हमारे विधायक हों या सांसद, उनकी निर्भीकता बेजोड़ है। अगर कुछ लोग सोचते हैं कि 'निलंबन' से उन पर लगाम लग जाएगी तो यह उनकी नकारात्मक सोच का बचकानापन है। इनपुट एजेंसियां