Maharashtra Politics : महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने सोमवार को राज्य की नवगठित सरकार में खुद को उपमुख्यमंत्री का पद मिलने संबंधी अटकलों को निराधार और झूठा बताकर खारिज कर दिया।
कल्याण सीट से सांसद ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह खबर पिछले दो दिनों से सवालिया निशान के साथ प्रसारित हो रही है कि मैं उपमुख्यमंत्री बनूंगा। इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है और ऐसी सभी खबरें निराधार हैं।
श्रीकांत ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र सरकार में मंत्री बनने का मौका मिलने के बावजूद उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इसे ठुकरा दिया था।
नई सरकार के गठन के तरीके से नाखुश होने की अटकलों के बीच एकनाथ शिंदे शुक्रवार को सतारा जिले में अपने पैतृक गांव के लिए रवाना हो गए। कार्यवाहक मुख्यमंत्री रविवार दोपहर ठाणे पहुंचे।
श्रीकांत शिंदे ने कहा कि महायुति गठबंधन सरकार के शपथ ग्रहण में थोड़ा विलंब हुआ है और फिलहाल इसे लेकर काफी चर्चाएं और अफवाहें हैं। अफवाहें तब और बढ़ गईं जब उनके पिता खराब स्वास्थ्य के कारण आराम करने के वास्ते दो दिन के लिए गांव चले गए।
अपने लोकसभा क्षेत्र और शिवसेना के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि मेरी सत्ता में पद पाने की कोई इच्छा नहीं है। मैं एक बार फिर स्पष्ट कर देता हूं कि मैं राज्य में किसी भी मंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं।
महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की भारी जीत के एक सप्ताह से अधिक समय बाद भी राज्य में नई सरकार का शपथ ग्रहण होना अभी बाकी है। महायुति के घटक दलों में भाजपा 132 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि शिवसेना को 57 और राकांपा को केवल 41 सीट मिलीं।
महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह पांच दिसंबर की शाम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में मुंबई के आजाद मैदान में होगा। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार रात दावा किया कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में देवेन्द्र फडणवीस का नाम तय हो गया है। बहरहाल भाजपा ने निर्मला सीतारमण और विजय रूपाणी को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।