Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

गांधी जी का प्रिय भजन: प्रतिदिन उनकी प्रार्थना में था शामिल, आप भी पढ़ें

Advertiesment
हमें फॉलो करें Bhajan Vaishnav Jan To Tene Kahiye
महात्मा गांधी को प्रिय 'वैष्णव जन तो तेने कहिए' यह भजन 15वीं शताब्दी के गुजरात के संत कवि नरसी मेहता द्वारा रचित एक अत्यंत लोकप्रिय भजन है। इसमें वैष्णव जनों के लिए उत्तम आदर्श और वृत्ति क्या हो, इसका वर्णन किया गया है। यह भजन गांधी जी के नित्य की प्रार्थना में सम्मिलित था। 
 
आइए जानें गांधी जी को प्रिय रहे इस भजन की पंक्तियां-
 
भजन -
 
वैष्‍णव जण तो तेणे कहिए जे
पीर पराई जाणे रे
पर दुक्‍खे उपकार करे तोए,
मन अभिमान न आणे रे।
 
सकल लोक मा सहुने बंदे,
निंदा ना करे केणी रे,
वाछ काछ, मन निश्‍छल राखे,
जन-जन जननी तेणी रे।
समदृष्‍टी ने तृष्‍णा त्‍यागी,
परस्‍त्री जेणे मात रे,
जिहृवा थकी असत्‍य न बोले
परधन न जला हाथ रे।
 
मोह-माया व्‍यायी नहीं जेणे,
दृढ़ वैराग्‍य जेणे मनमा रे,
राम-नाम-शुँ ताली लागी,
सकल तीरथ जेणे तनमा रे।
 
वनलोही ने कपट रहित छे,
काम, क्रोध निवारया रे,
भने नरसिन्‍हो तेणो दर्शन
करताकुल एकोतर तारया रे।
 
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीर पराई जाणे रे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दुनिया के इन महान लोगों की प्रेरणा हैं महात्मा गांधी