Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Makar Sankranti : कैसा रहेगा वर्ष 2025 में मकर संक्रांति का पर्व

हमें फॉलो करें Makar Sankranti : कैसा रहेगा वर्ष 2025 में मकर संक्रांति का पर्व
webdunia

पं. हेमन्त रिछारिया

, शनिवार, 4 जनवरी 2025 (10:20 IST)
2025 Makar Sankranti: ज्योतिष शास्त्र में गोचर का बहुत महत्व होता है। नवग्रहों का गोचर जातक के फलित में अहम् भूमिका रखता है। वहीं ग्रह-गोचर के आधार पर कई मुहूर्तों व ज्योतिषीय गणनाओं का निर्धारण भी होता है जैसे त्रिबल शुद्धि, साढ़ेसाती व ढैय्या, मकर संक्रांति आदि। ज्योतिष शास्त्रानुसार नवग्रहों में सूर्य को राजा माना गया है। सूर्य का गोचर कई ज्योतिषीय गणनाओं व मुहूर्तों का निर्धारण करता है। सूर्य के गोचर को 'संक्रांति' कहा जाता है। संक्रांति प्रतिमाह आती है क्योंकि सूर्य का गोचर प्रतिमाह होता है। सूर्य के धनु व मीन राशि में गोचर से 'खरमास (मलमास)' का प्रारंभ होता है।ALSO READ: मकर संक्रांति इस बार कब है 14 या 15 जनवरी?

Highlights
  • मकर संक्रांति के पीछे क्या कहानी है?
  • जानिए कब और क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति?
  • सूर्य का उत्तरायण पर्व कब है? 
इसी प्रकार जब सूर्य मकर राशि में गोचर करते हैं तब इसे 'मकर-संक्रांति' कहा जाता है। 'मकर-संक्रांति' हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। सामान्यत: यह पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है, क्योंकि अधिकतर इसी दिन सूर्य का गोचर धनु राशि से मकर राशि में होता है। आंग्ल नववर्ष में 'मकर-संक्रांति' का पर्व 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन नवग्रहों के राजा सूर्य अपनी राशि परिवर्तन कर प्रात: 8 बजकर 41 मिनट पर 'मकर' राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही देशभर में 'मकर-संक्रांति' के पर्व का शुभारंभ हो जाएगा।
 
'मकर संक्रांति' का पुण्यकाल-
 
वर्ष 2025 में 'मकर संक्रांति' का पुण्यकाल प्रात: 8:41 से रात्रि 11:47 तक रहेगा।ALSO READ: मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल और उत्तरायण का त्योहार कब रहेगा?
 
'संक्रांति' का वाहन- 
 
वर्ष 2025 में संक्रांति का वाहन व्याघ्र एवं उपवाहन अश्व (घोड़ा) रहेगा। इस वर्ष संक्रांति का आगमन पीत (पीला) वस्त्र व पर्ण कंचुकी धारण किए कौमार्यावस्था में कुमकुम लेपन कर, जातिपुष्प व कंकण आभूषण धारण किए, गदा आयुध (शस्त्र) लिए रजतपात्र में पायस भक्षण करते हुए दक्षिण दिशा की ओर को वायव्य कोण दृष्टिगत किए हुए हो रहा है।
webdunia
'संक्रांति' का फलित-
 
देशभर सोना-चांदी, चावल, दूध व दलहन आदि के दाम बढ़ेंगे। राजा के प्रति विरोध की भावना बलवती होती। ब्राह्मण वर्ग एवं संन्यासियों व जनता को कष्ट होगा। भ्रष्टाचार बढ़ेगा। देश का कर्ज बढ़ेगा।
 
'मकर संक्रांति' का राशि अनुसार फलित-
 
1. मेष-कलह व मानसिक चिं‍ता 
2. वृषभ-लाभ
3. मिथुन-सुख-शांति  
4. कर्क- धन लाभ एवं धन वृद्धि 
5. सिंह- हानि 
6. कन्या-लाभ
7. तुला-ईष्ट सिद्धि
8. वृश्चिक-धर्म लाभ 
9. धनु-कष्ट
10. मकर-सम्मान में वृद्धि 
11. कुम्भ-भय व चिंता 
 
स्नान व दान-
 
'मकर संक्रांति' के दिन श्रद्धालुगणों को पवित्र नदी में कूटे तिल का उबटन लगाकर स्नान करना एवं तिल से बनी वस्तुओं, कंबल एवं वस्त्रादि का दान करना श्रेयस्कर रहेगा।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: [email protected]

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Aaj Ka Rashifal: आज इन 3 राशियों को मिलेगा भाग्य का साथ, पढ़ें 04 जनवरी 2025 का भविष्यफल