मंगल बाल संस्कार केंद्र में बच्चों ने सीखा नए साल का पाठ
नववर्ष की पूर्व संध्या पर बाल संस्कार केंद्र का उद्घाटन
Mangal Graha Mandir Amalner- अमलनेर। महाराष्ट्र के जलगांव जिले के अमलनेर में मंगल ग्रह का प्रसिद्ध और जागृत मंदिर है। यहां प्रति मंगलवार को हजारों की संख्या में भक्त मंगल दोष से मुक्ति अभिषेक कराने के लिए आते हैं। मराठी नववर्ष गुड़ी पड़वा की प्रारंभ के चलते 22 मार्च को यहां समर्थ नगर स्थित दत्त मंदिर में मंगलग्रह सेवा संस्था द्वारा संचालित मंगल बाल संस्कार केंद्र का उद्घाटन किया गया और बच्चों को नववर्ष के महत्व का पाठ पढ़ाया गया।
इस अवसर पर मुख्य गणमान्य व्यक्ति के रूप में सेवानिवृत्त शिक्षक भास्कर राव पाटिल, सेवानिवृत्त एनसीसी अधिकारी पद्माकर मुदके, सेवानिवृत्त लिपिक गोपाल बडगूजर, अनंत माली, शोभा माली उपस्थित थे।
मराठी नववर्ष की शुरुआत गुड़ी पड़वा से होती है। भारतीय संस्कृति में संस्कारों का बहुत महत्व है। हमारी संस्कृति अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है, लेकिन यह महसूस करने के लिए कि हम इससे दूर जा रहे हैं। मंगल बाल संस्कार केंद्र के माध्यम से यह अभिनव पहल शुरू की गई थी। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई।
इस अवसर पर गणमान्य लोगों ने उपस्थित बच्चों को विनम्रता, सम्मान और शिष्टाचार की जानकारी दी। साथ ही तरह-तरह की चीजों के जरिए उनका मनोरंजन भी किया। इस अवसर पर एक छोटी बच्ची स्वरा पाटिल ने दत्त को बनवी के रूप में चित्रित कर सबका ध्यान आकर्षित किया।
यह बाल संस्कार केंद्र मंगलग्रह सेवा संस्था के अध्यक्ष दिगंबर महाले की परिकल्पना से स्थापित किया गया है। इसके पीछे का उद्देश्य बच्चों को सभ्य बनाना है। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के उपाध्यक्ष एस.एन. पाटिल ने की। इस अवसर पर संयुक्त सचिव दिलीप बहिराम, कोषाध्यक्ष गिरीश कुलकर्णी, ट्रस्टी जयश्री साबे उपस्थित थे। परिचय दिलीप बहिराम ने तथा धन्यवाद ज्ञापन गिरीश कुलकर्णी ने किया।