* 15 से 21 अक्टूबर सुरक्षित मातृत्व सप्ताह पर विशेष
प्रतिवर्ष 15 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक सुरक्षित मातृत्व सप्ताह मनाया जाता है। मां का दूध बच्चों के लिए अमृत होता है, जो हर बीमारी से उसकी रक्षा करता है। आइए जानें कैसे कराएं अपने शिशु को स्तनपान....
1. हमेशा अपने बच्चे को सदैव प्रसन्नचित्त मुद्रा में दूध पिलाएं। क्रोध व झुंझलाहट में बच्चे को दूध नहीं पिलाएं।
2. शिशु को स्तनपान कराने से पहले स्वच्छ जल से स्तन के अग्र भाग को साफ कर लें।
3. मां का दूध शिशु को उसी तापमान में मिलता है, जो उसके शरीर का होता है। अन्य बाहरी दूध की तरह इस दूध को गर्म नहीं करना पड़ता है।
4. बच्चे को दूध पिलाते समय पालथी मारकर बैठे। उसके बाद शिशु के सिर के नीचे अपना हाथ रखकर बच्चे के सिर को इतनी ऊपर उठाएं जिससे वह
आसानी से दूध पी सके।
5. मां का दूध शुद्ध, ताजा व कीटाणुरहित होता है। यह दूध शिशु को कई प्रकार की बीमारियों से बचाता है।
6. जहां तक संभव हो बच्चे को लेटे-लेटे दूध नहीं पिलाएं। उसे सदैव गोद में लिटाकर ही दूध पिलाएं।
7. शिशु को बाहरी दूध से एलर्जी की शिकायत हो सकती है परंतु मां के दूध से शिशु को एलर्जी संबंधी कोई शिकायत नहीं होती।
8. जब शिशु मां का दूध पी रहा है तो उसे हंसाएं नहीं। इससे शिशु की नाक में दूध चढ़ने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
9. मां के दूध से यदि शिशु का पेट भर जाता हो, तो उसे बाहर का आहार न दें।
10. अपने बच्चे की सुरक्षा ही मां की पहली जिम्मेदारी होती है। अत: अपने छोटे बच्चों का हर तरफ से अच्छी तरह ध्यान रखें।