मातृ दिवस 2023 पर नई कविता : मां बनी तुम जीवन आधार
हंसा मेहता
मां तुम जीवन आधार
मां संरक्षण की अभेद्य दीवार
घुट्टी संग पिलाती संस्कार
वात्सल्य,अमृत जीवन का
मां तुम जीवन आधार।
मिली आंचल की शीतल छाया,
पाठ अनुशासन का कठोर पढ़ाया,
निडरता का गुण तुमसे ही पाया
कभी ना मानना जीवन में हार
मां तुम जीवन आधार।
संस्कृति का पर्याय तुम्हीं
रीति-रिवाजों की आस्था तुम से,
खुद पर गर्व कर सकूं
कभी न पड़े शीश झुकाना।
तुम से ही मां सीखा मैंने
सत्य के लिए अड़े रहना
सिद्धांतों से न समझौता करना।
मां समझ मेरी रुचियों को
किया परिष्कृत मेरे गुणों को।
मुझे तराश कर चमकाया
उन्नति शिखर पर पहुंचाया
प्राणवायु मेरे सपनों की
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