डॉ. वंदना मिश्र मोहिनी
Poem about Mother in Hindi
भाग्यशाली हूं मैं बहुत
आप मेरी मां हो....
मणिकर्णिका घाट सी पवित्र
जिसमें मैं अपने सारे
दर्द को विसर्जित कर
सुकून पा जाती
मां आप अंतहीन
संघर्ष का अंत
मां आप मेरी
सुबह की आवाज
गुनगुनी धूप
गांव की सांझ
पीपल की छांव
सावन का झूला
भोर की ठंडी बयार
मेरे हर द्वंद का हल
मेरे स्वर्णिम पलों का उल्लास
भगवान की पूजा के फूल
बच्चों जैसी कोमल
अलबेली सी सखी
मेरे जीवन की
सुखद अनुभूति...