- अथर्व पंवार
आप सभी ने अपने जीवन में मां की डांट न खाई हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। एक समय ऐसा आता है जब आप अपनी मां के डायलॉग से भली भांति परिचित हो जाते हैं। लगातार उन वाक्यों को सुनकर आप पहले ही समझ जाते हैं की अब हमारी मां यह बोलने वाली हैं। इन वाक्यों का प्रयोग हमारे बाल्यकाल से आरम्भ हो जाता है और युवावस्था में बढ़ जाता है। इनके बिना हमारा जीवन अधूरा सा रहता है।
प्रस्तुत है भारतीय माताओं के वह प्रचलित डायलॉग जिन्हेंं आपने अवश्य सुना होगा।
1 . "आग लगे तेरे फ़ोन में, जब देखो तब फ़ोन फ़ोन"
2 . "तू घर आ फिर तुझे बताती हूं"
3 . "रुक तेरे पापा को आने दे"
4 . "यही दिन देखने के लिए तुमको बड़ा किया था"
5 . "जब मैं तुम्हारी उम्र की थी तो .... "
6 . "मैं भी इंसान हूं कोई मशीन नहीं"
7 . "यह घर है कोई धर्मशाला नहीं।..."
8 . "हां, मैं तो तुम्हारी नौकरानी हूं ना...."
9 . "मैं तुम्हारी मां हूं, मुझे सब पता रहता है"
10 . "जब तू मां बनेगी तब तुझे पता चलेगा"
यह वाक्य जब आपने पढ़े होंगे तो वह परिस्थितियां और कारनामे भी आपको याद आ गए होंगे जिनके कारण आपको यह सब सुनना पड़ा होगा। यह तो हमारे लिए nostalgia है।
मां के इन वाक्यों में भी उनका प्यार झलकता है। उनकी भावनाओं को मापना समझो सागर के पानी को मापने के सामान है। इस मातृ दिवस पर उन्हें कुछ ऐसा उपहार अवश्य दें जिससे उनके उस निस्वार्थ ममतामय हृदय को कुछ आनंदमय क्षण अवश्य मिले। आपको भी कुछ डायलॉग याद आ रहे हैं तो हमसे शेयर कीजिए...