लाल पे दुख आने न देती
खोती नहीं है क्षमता मन की
सबसे बड़ी है ममता मां की
खुद भूखे सो जाती मां है
बच्चे का पेट तो भरती है
पालन पोषण देख-रेख सब
बच्चों को सब खुशियां देती
सुध न रखती अपने तन की
सबसे बड़ी है ममता मां की
संस्कार का पाठ पढ़ाती
सही नियम की रीति बताती
कष्ट कोई आने न देती
सीने से मां ही चिपकाती
क्षमाशील मां इतनी होती है
फिकर है करती पल-पल की
सबसे बड़ी है ममता मां की