किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक करने के लिए उस कार्य के प्रति आपकी लगन या कार्य पर आपका फोकस होना जरूरी है। यदि ऐसा नहीं होता है तो कार्य में अटकाव और भटकाव के चांस रहते हैं और समय पर कार्य पूर्ण नहीं हो पता है या कि कार्य में आप असफल हो जाते हैं।
''यदि आप अपने कार्य पर फोकस रखना नहीं जानते हैं तो आपको असफल होने के लिए तैयार रहना चाहिए. यदि आप बेहतर ढंग से कार्य करना नहीं जानते हैं तो फिर किसी ओर से अपेक्षा की जाएगी।''
''जिंदगी भाग्य से नहीं चलती। भाग्य भी तभी चलता है जब कर्म का चक्का घुमता है। कर्मवान बनो भाग्यवान नहीं।''
1. यह देखा गया है कि जो बच्चे एकचित्त होकर टीचर जो सिखा रहा है उसे देखते और सुनते हैं उन्हें एक बार में ही टीचर की बातें समझ में आ जाती है और वे क्लास के सबसे होशियार बच्चे बन जाते हैं। इसके विपरीत जिन बच्चों का ध्यान इधर-उधर रहता है वे किसी भी सब्जेक्ट में अच्छे नंबर नहीं ला पाते हैं और उनके माता-पिता भी उनको लेकर परेशान रहते हैं।
2. आप जीवन में कुछ भी कार्य कर रहे हों, चाहे फिल्म या टीवी देख रहे या किसी की बातें सुन रहे हों, यदि उस वक्त आपने अपने आंख-कान अच्छे से खोलकर नहीं रखे हैं और किसी अन्य खयाल में ही खोये हैं तो आपने जो भी देखा या सुना है वह समझ में नहीं आएगा। सजग और सतर्क व्यक्ति ही सफल हो पाते हैं।
3. जो हाल क्लास में बच्चों का होता है वही हाल ऑफिस में कार्यरत कर्मचारियों का भी होता है। यदि उन्होंने अच्छे से अपने काम पर फोकस नहीं किया है तो जो काम एक घंटे में होना था वह हो सकता है कि 2 घंटे में हो या हो ही नहीं। यह भी हो सकता है कि हो भी गया हो तो उसमें कई तरह की गलतियां छूट गई हो?
4. कई बार ऐसा होता है कि किसी के पास वह कार्य है जिसमें उसकी रुचि नहीं है, जिसे करने में वह कुशल नहीं है या वह उस विषय का ज्ञान अच्छे से नहीं रखता हो तो भी वह अपने कार्य पर फोकस नहीं कर पाता है। यदि वह उस वक्त यह सोचकर कार्य करेगा कि इससे मुझे कुछ सीखने को मिल रहा है तो फिर कार्य में रुचि भी बढ़ेगी और फोकस भी।
5. वर्किंग प्रोडक्टिविटी और क्वालिटी के लिए कार्य पर फोकस होना जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी डेस्क को खाली रखें। डेस्क पर किसी भी प्रकार की खाने की वस्तु न रखें, बार-बार मोबाइल चैक न करें और कार्य करते वक्त सभी तरह की फालतू की गतिविधियों को अवाइड करें।
6. अपने कार्य को श्रेणियों में बांटकर कार्य करें। यदि आपको लगता है कि जो कार्य जल्दी हो सकता है उसे पहले निपटा लें और जिस कार्य को करने में देरी लगती हो उस पर ही बाद में पूरा फोकस करें। कार्य की प्राथमिकताएं तय कर लेंगे तो कार्य करने में आसानी होगी।
7. आपके टेबल पर एक घड़ी (Watch) रखी होना चाहिए साथ ही कैलेंडर रखा हो और हर कार्य की एक डेडलाइन खुद ही तय करके कार्य करें। हर कार्य के लिए एक सही दिन और समय का चुनाव करें। हर कार्य के साथ ही अपनी दिनचर्या का भी टाइम टेबल बना लें।
8. आपके पास जितना भी कार्य है आप उसकी लिस्ट बनाकर डेस्क पर रख लें और जो भी कार्य करते जाएं उस पर टिक लगाते चलें। इससे आपको अपनी प्रोडक्टिविटी के बारे में पता चलेगा और आपको मोटिवेशन मिलेगा।
9. कार्य के बीच छोटा ब्रेक जरूर लें। इससे आपका माइंड फ्रेश भी होगा और फिर से कार्य पर फोकस भी बढेगा। मात्र 5 से 10 मिनट का 2 बार ब्रेक ले सकते हैं। इस बीच आप अपना मोबाइल चैक कर सकते हैं, चाय पी सकते हैं या किसी से गपशप भी कर सकते हैं।
10. तीन बातें हमेशा याद रखें। पहली ये कि कोई भी कार्य कल पर न टालें, एक समय में एक ही कार्य करें और परेशान होने वाली चीजों, मन को विचलित करने वाले चीजों या नकारात्मक बातों से बचें।
11. अंत में यह जरूर सोचे कि मेरा लक्ष्य क्या है और मुझे कितनी जल्दी तरक्की करना है तो मुझे क्या करना चाहिए? इसीलिए महत्वपूर्ण कार्यों को हमेशा आपके सामने रखें और उनके बारे में ही सोचते रहें। अपनी प्रगति के बारे में खुद से सवाल पूछें और अपने कार्य की समीक्षा करना भी सीखें।