महाभारत को पढ़ना हर किसी के लिए संभव नहीं है। हमें मिले हैं महाभारत के नव सार सूत्र, जो हमारे जीवन में उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं।
संतान की गलत मांग और हठ पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया, तो अंत में आप असहाय हो जाएंगे : कौरव
आप भले ही कितने बलवान हो लेकिन अधर्म के साथ हो तो आपकी विद्या अस्त्र शस्त्र शक्ति और वरदान सब निष्फल हो जायेगा : कर्ण
संतान को इतना महत्वाकांक्षी मत बना दो कि विद्या का दुरुपयोग कर स्वयंनाश कर सर्वनाश को आमंत्रित करे : अश्वत्थामा
कभी किसी को ऐसा वचन मत दो कि आपको अधर्मियों के आगे समर्पण करना पड़े : भीष्म पितामह
संपत्ति, शक्ति व सत्ता का दुरुपयोग और दुराचारियों का साथ अंत में स्वयंनाश का दर्शन कराता है : दुर्योधन
मुद्रा, मदिरा, अज्ञान, मोह और काम से अंधे व्यक्ति के हाथ में सत्ता है तो सत्ता विनाश की ओर ले जाती है : धृतराष्ट्र
व्यक्ति के पास विद्या विवेक से बंधी हो तो विजय अवश्य मिलती है: अर्जुन
हर कार्य में छल, कपट व प्रपंच रच कर आप हमेशा सफल नहीं हो सकते : शकुनि