किताबें जहां हमारा दिमाग खराब करती हैं वहीं वे हमारे दिमाग को सही भी कर देती है। यदि आप अच्छी किताबें पढ़ते हैं तो अच्छा भविष्य होगा और बुरी किताबें पढ़ते हैं तो अच्छे भविष्य की कोई गारंटी नहीं। इसीलिए अच्छी किताबों को अपना साथी बनाएं जो आपके मोटिवेट करके आपने जीवन को एक नई दिशा देने की क्षमता रखती है। वही व्यक्ति सफल है जिसने अपने दिमाग को विशालकाय बना लिया है। सोच को विस्तृत करने के लिए जरूरी नहीं है कि आप मोटिवेट करने वाली ही बड़ी-बड़ी पुस्तकें पढ़े। कई बार आदमी एक छोटीसी किताब से भी प्रेरित हो सकता है। आओ जानते हैं ऐसी ही 10 किताबों के नाम।
1. द सीक्रेट (The secret) : लेखिका रॉन्डा बर्न की किताब द सीक्रेट 'लॉ ऑफ अट्रैक्शन' के नियम पर आधारित है। यह किताब हिन्दी में रहस्य नाम से उपलब्ध है। यदि आप निराश, हताश और उदास हैं और हारा हुआ महसूस कर रहे हैं तो इस किताब को जरूर पढ़ें। उन्होंने जादू नाम से भी एक किताब लिखी हुई है। इसे पढ़कर आप मनचाही सफलता पाने के लिए प्रेरित होंगे।
2. ग्लिम्प्सेज ऑफ गोल्डन चाइल्डहुड : यह किताब हर बेटे और पिता को पढ़ना चाहिए। इसमें ओशो ने अपने बचपन के दिनों और बच्चे की मानसिकता को बहुत ही सुंदर तरीके से कहा है। इस किताब में उन्होंने अपने बचपन के अलावा बीच-बीच में धर्म, इतिहास और राजनीति की ऐसी बातों का भी जिक्र किया है जिसे कम ही लोग जानते होंगे। वैसे ओशो की लाइट ऑन द पाथ, अल्फा दी ओमेगा और बियॉन्ड साइकोलॉजी भी बहुत ही पठनीय है। आप इन्हें पढ़कर फिर से जीने के लिए उत्सुक हो जाएंगे।
3. द सेवन हैबिट्स ऑफ हाइली इफेक्टिव पीपल (The 7 Habits of Highly Effective People) : लेखक स्टेफन कोवे की यह किताब हिन्दी में प्रभावशाली लोगों की 7 आदतें नाम से उपलब्ध है। इस किताब में 7 ऐसी आदतों का जिक्र किया गया है, जो आपको हर क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद करती है।
4. अल्केमिस्ट : पाओलो कोएलो की यह पुस्तक एक मुसाफिर की कहानी है। सफर की परेशानियों को यह चित्रत करती है और जीवन के महत्व और संभावनाओं को दर्शाती है। इससे मिलती जुलती किताब रॉबिन शर्मा की है जिसमें एक संन्यासी जो अपनी संपत्ति बेचकर निकल पड़ता है अपने सपनों को पूरा करने और भाग्य का निर्माण करने के लिए।
5.योगी कथामृत : यदि आप सिद्धियों और चमत्कार को नहीं मानते हैं तो एक बार ये किताब जरूर पढ़े। आप की सोच बदल जाएगी। यह किताब परमहंस योगानंद की आत्मकथा है। दुनियाभर में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली किताबों से एक है। जरूरी नहीं कि इससे आप अध्यातम ही सीखें। यह आपके आत्मबल को बढ़ाने के लिए काफी है।
6.वाल्डेन : हेनरी डेविड थोरो एक उन्नीसवीं शताब्दी के अमेरिकी ट्रांससींडेंटलिस्ट थे जो अपने निबंध "सिविल असहयोग" और उनके बाद के उपन्यास वाल्डेन के लिए जाने जाते थे। इनकी किताब 'वाल्डेन' बहुत ही अद्भत है। गांधीजी इनसे प्रेरित थे। आपने 'वाल्डेन' को समझ लिया तो आप जीवन जीने के अर्थ को भी समझ जाएंगे।
7.फिलॉसफी इन्वेस्टिगेशन : विट्गेंश्टाइन (1889-1951) की गिनती ऑस्ट्रेलिया और इंग्लेंड के फिलासफरों में ऊपर से शुरू की जाती है। उनके जीते जी एक ही पुस्तक प्रकाशित हो पाई Tractatus Logico-Philosophicus। बाद की प्रकाशित पुस्तकों में Philosophical Investigations काफी चर्चीत रही। विट्गेंश्टाइन केम्ब्रीज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रहे हैं। विट्गेंश्टाइन के पिता कार्ल एक यहूदी थे जिन्होंने बाद में प्रोटेस्टेंट धर्म अपना लिया था। आपको अपनी सोच को विस्तृत करना चाहिए तो आपको पता चलेगा कि जीवन में कुछ ऐसी भी बातें हैं जो आपकी समस्याओं से कई गुना बड़ी है।
8. लोक व्यवहार (Lok vyavhar) : लेखक डेल कॉरनेगी की यह पुस्तक भी बहुत ही प्रसिद्ध है। यह पुस्तक बताती है कि प्रभावी व्यक्तित्व बनाने के लिए अपने आसपास के लोगों से कैसा व्यवहार करना चाहिए। यह किताब आपके दिमाग के जाले साफ करते हुए आप में नए सपने जगाती है और नई महत्वाकांक्षाओं की प्रेरणा देती है।
9. अमीर व सफल बनने की किताबें : वारेन बुफ्फेट की पुस्तक 'द एस्से ऑफ वारेन बुफ्फेट' आपको अरबपति लोगों की सोच से अवगत कराती है। मुख्य रूप से यह कीमत और मूल्य के अंतर पर आधारित है। आप रॉबर्ट कियोसाकी की रिच डैड पूअर डैड भी पढ़ सकते हैं या स्टीव सिएबोल्ड की हाउ रिच पीपल थिंग भी पढ़ सकते हैं। नेपोलियन द्वारा लिखी पुस्तक think and grow (सोचिए और अमीर बनिए) भी पढ़ सकते हैं। भारतीय लेखक शिवखेड़ा की 'जीत आपकी' (You Can Win) भी अच्छी किताब हैं। इसके अलावा शेरिल सैंडबर्ग और एडम ग्रांट की ऑप्शन बी (option B), मेल रॉबिंस की द 5 सेकंड रुल (The 5 second rule), टोनी रॉबिंस की अनशेकेबल (unshakable), रॉबिन शर्मा की द मोंक हु सोल्ड हिज फेरारी (The Monk Who Sold His Ferrari) और नेपोलियन हिल की सोचिए और अमीर बनिए (Think and Grow Rich) भी आप पढ़ सकते हैं।
10. एट दि फीट ऑफ दि मास्टर- (जे कृष्ण मुर्ति) : जे. कृष्ण मुर्ति की सभी किताबें आपको प्रेरित करेगी, परंतु इस किताब को आप जरूर पढ़ें। मद्रास के थियोसोफिकल पिब्लशिग हाऊस ने सन 1910 में पहली बार यह किताब प्रकाशित की। इसके अलावा उनकी एक ओर किताब है- कमेंटरीज़ ऑन लिविंग'। तीसरी दि फर्स्ट एंड लास्ट फ़्रीडम।