नई दिल्ली। अपने हालिया निजता नीति बदलावों को लेकर आलोचनाओं के घेरे में आई व्हॉट्सएप (WhatsApp) ने गुरुवार को कहा कि वह इस मुद्दे पर सरकार के किसी भी सवाल का जवाब देने को तैयार है। इसके साथ ही फेसबुक के स्वामित्व वाले मैसेजिंग मंच ने कहा है कि सिग्नल जैसे प्रतिद्वंद्वियों के साथ उसे प्रयोगकर्ताओं का भरोसा जीतने के लिए प्रतिस्पर्धा करनी होगी।
व्हॉट्सएप के प्रमुख विल कैथकार्ट ने कहा कि कंपनी भारत के यूजर्स की निजता और सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। साथ ही वह लगातार यूजर्स को स्पष्ट करेगी कि उनके संदेश एंड-टू-एंड कूट रूप में होंगे।
व्हॉट्सएप के प्रतिद्वंद्वी मंचों मसलन सिग्नल और टेलीग्राम के डाउनलोड में हालिया घटनाक्रमों के बीच काफी इजाफा हुआ है। WhatsApp ने अपनी निजता नीति में बदलाव किया है। इसके तहत कुछ डेटा फेसबुक के साथ शेयर किया जाएगा।
कैथकार्ट ने कहा कि हमें पता है कि जब निजता की बात होगी हमें प्रयोगकर्ताओं के विश्वास के लिए प्रतिस्पर्धा करनी होगी और यह दुनिया के लिए काफी अच्छा होगा।
लोगों के पास अपनी बातचीत के लिए विकल्प होना चाहिए और उन्हें यह विश्वास होना चाहिए कि उनके चैट कोई और नहीं देख सकेगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या यूजर्स व्हॉट्सएप के प्रतिद्वंद्वी मंचों मसलन सिग्नल और टेलीग्राम की ओर रुख कर रहे हैं, कैथकार्ट ने इसका न में जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि हमें लोगों का आभार जताते हैं कि वे व्हॉट्सएप का इस्तेमाल कर रहे हैं और उस पर भरोसा जता रहे हैं। हमारा मानना है कि निजता को लेकर प्रतिस्पर्धा अच्छी है। इससे ऐप को अधिक निजी और सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी।
हाईकोर्ट में याचिका दायर : व्हॉट्सएप की नई निजता नीति के खिलाफ गुरुवार को उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में व्हाट्सएप की नई निजता नीति को न सिर्फ करोड़ों लोगों के निजता के अधिकार का हनन बताया गया है बल्कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा होने का दावा किया गया है।
अधिवक्ता चैतन्या रोहिल्ला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर तत्काल प्रभाव से व्हॉट्सएप की नई निजता नीति पर रोक लगाने की मांग की है।