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बाहें फैलाकर कीजिए साल 2023 का शानदार स्‍वागत, यकीन कीजिए आप सबसे ‘सकारात्‍मक’ इंसान हैं

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, रविवार, 1 जनवरी 2023 (08:30 IST)
पिछले सालों में आए कोरोना संक्रमण ने कई लोगों की जिंदगी बदल दी। कई जाने चली गईं, जो जीवित हैं उन्‍हें अब अपनी सकारात्‍मक जिंदगी को लीड करना है। चाहे वक्‍त कितना भी खराब क्‍यों न आ जाए। वायरस हो या कोई प्राकृतिक आपदा। यह मानकर चलना चाहिए कि अब यह सब होता रहेगा। यही न्‍यू नॉर्मल है। ऐसे में सिर्फ और सिर्फ हमारा माइंड है, जिसे हमें हेल्‍दी और सकारात्‍मक रखना है। इस दौर में अगर हमें जरूरत है तो सिर्फ और सिर्फसकारात्‍मकता की और सकारात्‍मक उर्जा की।

रविवार से नए साल यानी 2023 का श्रीगणेश हो रहा है। हम सब यह चाहते हैं कि हमारे साल की शुरुआत न सिर्फ सकारात्‍मक हो बल्‍कि पूरा साल आनंद में गुजरे। आखिर जीवन का मकसद भी तो यही है आनंद से रहना। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे अपने माइंड को मोटिवेट करे और कैसे उसे सकारात्‍मक बनाए रखे और कैसे यह संभव भी है।

आपने देखा होगा कि कई संतों-महात्‍मा कहते रहते हैं कि माइंडसेट इज एवरीथिंग। Mindset is everything. आखि‍र क्‍या है इसका मतलब। यह कैसे काम करता है। इसे समझा जाना चाहिए।

आपको बता दें कि पूरे शरीर में एक माइंड ही या आपका नजरि‍या ही वो हिस्‍सा है जो आपकी सारी एक्‍टि‍विटी को कंट्रोल यानी नियंत्रित करता है। माइंड का काम है जैसे आप उसके साथ बर्ताव करोगे वो भी आपको बदले में वैसा ही रिजल्‍ट देगा। जैसा आप देखते हो, वही नजर आएगा। जो आप सोचोगे वही होगा और जो आप चाहेंगे वही बन जाओगे। यही माइंड का चमत्‍कार है।

इसका सीधा सा अर्थ है आप अपने आसपास की जिंदगी में में चीजों को जिस ढंग से या जिस तरह जिस अर्थ में देखते हैं, वे वैसे ही नजर आती हैं या वैसी ही हो जाती है। मान लीजिए आप अपने आसपास सिर्फ गदंगी ही देखते हैं, दुख ही देखते हैं और नकारात्‍मकता ही देखते हैं तो आपको सिर्फ वही नजर आएंगी। कुल मिलाकर आपकी नजर और नजरिया उसी तरफ जाएगा जहां आप ध्‍यान देंगे।

वहीं, दूसरी तरफ अगर आप अपने आसपास सिर्फ खूबसूरत चीजें देखेंगे, खुशी देखेंगे, हंसते मुस्‍कुराते लोगों को, बच्‍चों को देखेंगे, सकारात्‍मक फिल्‍में देखेंगे, कॉमेडी और स्‍वथ्‍य किताबे पढेंगे तो आपकी भीतर भी ऐसी ही सकारात्‍मकता और खुशी जाहिर होने लगेगी। किसी चीज में आप खूबसूरती देखेंगे तो उसमें ब्‍यूटी ही नजर आएगी। किसी में अग्‍लीनेस देखेंगे तो वहां बेहूदा ही नजर आएगा।

यह सबकुछ आपके देखने, सोचने, समझने और कुल जमा आपके नजरिए दृष्‍ट‍िकोण, माइंडसेट या विजन पर निर्भर करता है। यानी आपके देखने, सोचने और समझने का तरीका।

शायद इसलिए इंसानों की जिंदगी में सपनों को बहुत ज्‍यादा महत्‍व दिया गया है। आप खुद को लेकर कोई सपना देखेंगे तो जाहिर है वो सपना अच्‍छा और सुंदर ही होगा। जब आप अच्छा देखेंगे तो अच्‍छा ही सोचेंगे और अंत में अच्‍छा ही करेंगे।

यह सारी क्र‍ियाएं आपके माइंडसेट से सक्र‍ि‍य होती हैं। एक उदाहरण लीजि‍ए। आप अमि‍ताभ बच्‍चन की दीवार फिल्‍म देखकर थि‍येटर से बाहर आते हैं तो आपको आपकी चाल, आवाज और ढंग अमिताभ की तरह महसूस होने लगते हैं। आप कुछ देर के लिए अमिताभ बच्‍चन हो जाते हैं। लेकिन यह सिर्फ एक इंप्रेशन होता है। कुछ देर बाद यह इंप्रेशन खत्‍म हो जाता है। फिल्‍म देखने से पहले आप अमिताभ बच्‍चन नहीं थे और फिल्‍म खत्‍म होने के दो घंटे बाद भी आप अमिताभ बच्‍चन नहीं रह जाते हैं। इंप्रेशन खत्‍म होते ही आप वो हो जाते हैं जो आप वास्‍तव में हैं। और यही वो स्‍थि‍ति है जब हमें अपने माइंडसेट का इस्‍तेमाल करना है।

इसलिए सिर्फ उसी पर ध्‍यान दीजि‍ए जो आप वास्‍तव में हैं। वही सोचिए, करिए और बनिए जो सकारात्‍मक है। इसके लिए हमें अपना माइंडसेट तय नहीं करना है। इस माइंडसेट को तोड़ना है या ओपन करना है। अगर वो नेगेटिव है तो उसे तोड़कर पॉजि‍टिव बनाना है। अगर वो झिझकता है तो उसे आत्‍मविश्‍वासी बनाना है। अगर वो खाली है तो उसमें सपने भरना है। तो कहिए Mindset is everything. और अपने नए साल को बनाइए बेहद खूबसूरत और सकारात्‍मक। इसकी

शुरुआत कीजिए साल के पहले ही दिन से। अगर इसकी प्रैक्‍टिस आपने पहले दिन से की है तो यकीन मानिए आपका पूरा साल शानदार गुजरने वाला है।

इसके लिए आप ध्‍यान, मेडिटेशन, म्‍यूजिक, किताबें पढना और फिल्‍में देखने के साथ ही अपने काम में व्‍यस्‍त रहने को भी विकल्‍प के तौर पर चुन सकते हैं। तो नए साल की शानदार शुरुआत के लिए शुभकामनाएं।  

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