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मानसून के बाद देखने जाएं भारत के 5 शानदार झरने

बारिश के बाद जाएं इन 5 में से एक वाटरफॉल का आनंद लेने

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WD Feature Desk

, शनिवार, 13 जुलाई 2024 (12:51 IST)
Top 5 Waterfalls of India: बारिश के दिनों में देश के बहुत से झरनों के पास जाना वर्जित माना जाता है। वहां जाने से रोक दिया जाता है। उन्हें आप बहुत दूर से ही देख सकते हो, क्योंकि बारिश में सभी वॉटरफॉल उफान पर होते हैं। यहां जाना खतरनाक होता है। ऐसे में आपको मानसून खत्म होने के बाद इन झरनों का आनंद लेने जाना चाहिए। आओ जानते हैं देश के 5 शानदार और खतरनाक झरनों के बारे में।ALSO READ: बारिश में महाराष्ट्र के ये झरने और आसपास की हरियाली देखकर दिल कह उठेगा वाह, ज़रूर एक्सप्लोर करें
 
1. कुंचिकल झरना : कुंचिकल जलप्रपात कर्नाटक के शिमोगा जिले में मस्थीकट्टे के पास निदगोडु गांव में स्थित है। इस झरने की ऊंचाई 455 मीटर (1493 फीट) है। यह भारत के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है। कुंचिकल झरने को स्थानीय लोग कुंचिकल अब्बे के नाम से भी जानते है। वराही नदी के साथ बहने वाली अन्य कई नदियां मानसून के दौरान यहां के कई झरनों के संग मिल जाती है। इसलिए मानसून में हम कुंचिकल झरने के आसपास और कई छोटे झरने बहते देखते हैं। यहां का सबसे करीबी एयरपोर्ट बेंगलुरु है। कर्नाटक के ही शिमोगा में स्थित एक और बरकाना झरना 259 मीटर ऊंचा है। यह झरना भी सीता नदी के द्वार पश्चिमी घाट के पहाड़ों से ही नीचे गिरता है। इसी जिले में शरावती नदी द्वारा 253 मीटर की ऊंचाई पर एक झरना गिरता है जिससे जोग फॉल्स कहते हैं।ALSO READ: झरने के पास जाएं तो 5 सावधानियां आजमाएं
 
2. धुआंधार झरना : यह स्थान मध्यप्रदेश के जबलपुर के पास भेड़ाघाट में है। यहां के वाटरफॉल को धुआंधार जल प्रपात कहते हैं जो लगभग 10 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरता है। यह प्रसिद्ध जल प्रपात बहुत ही सुंदर संगमरमर की दो पहाड़ियों के बीच से निकलता है। इसकी छटा अनुपम है और पानी के गिरने की आवाज दूर तक सुनाई देती है। पानी जब नीचे गिरता है तो उपर तक उझाल मारता है जिसके चलते ही इसे धुआंधार करते हैं। जहां पर यह वाटरफॉल है वहां पर सफेद संगमरमर के दो पहाड़ों के के बीच नर्मदा नदी बहती है। नर्मदा में नौका-विहार करने का रोमांच ही कुछ और है।
 
3. चित्रकूट झरना : छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग के चित्रकूट में भी बहुत ऊंचाई से झरना गिरता है। जगदलपुर से 39 किमी दूर इन्द्रावती नदी पर यह जलप्रपात बनता है। इस जल प्रपात की ऊंचाई 90 फीट है। हालांकि इस झरने की चौड़ाई ज्यादा है।
 
4. दूधसागर झरना- गोवा : यह झरना भारतीय राज्य गोवा के पश्‍चिमी मंडोवी नदी से निकलता है जो कि पश्चिमी घाट के पहाड़ों के ऊपर से गिरता है। यह लगभग 320 मीटर ऊंचा है और इस झरने के पास ही भगवान महावीर अभ्यारण भी मौजूद है। यह झरना गोआ की राजधानी पणजी से 60 कीलोमीटर दूर कर्नाटक और गोवा राज्य के बॉर्डर पर मौजूद है।ALSO READ: ट्रैवल डेस्टिनेशन : जुलाई में झरने वाली 10 शानदार जगह जरूर जाएं घूमने
 
5. लांगशियांग झरना- मेघालय : ऊंचाई लगभग 337 मीटर। इस झरने को सेवेन सिस्टर वाटरफॉल या मांसमाई फॉल के नाम से भी जाना जाता हैं।  यह पश्चिमी खासी हिल्स जिला में स्थित है। यह झरना ऊंची खांसी पहाड़ी और जंगली रास्तों से नीचे की ओर गिरता है। 

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