Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

गर्मियों में घूमने का सबसे बेस्ट टॉप हिल स्टेशन नैनीताल

हमें फॉलो करें गर्मियों में घूमने का सबसे बेस्ट टॉप हिल स्टेशन नैनीताल

अनिरुद्ध जोशी

photo source uttarakhand tourism department


हिल स्टेशन को मनोरम पहाड़ी इलाका कहते हैं। भारत में पहाड़ियों की विशालतम, लंबी, सुंदर और अद्भुत श्रृंखलाएं हैं। एक और जहां विध्यांचल, सतपुड़ा की पहाड़ियां है, तो दूसरी ओर आरावली की पहाड़ियां। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत में एक से एक शानदार पहाड़ हैं, पहाड़ों की श्रृंखलाएं हैं और सुंदर एवं मनोरम घाटियां हैं। आओ जानते हैं भारत के टॉप हिल स्टेशनों में से एक नैनीताल हिल स्टेशन के बारे में रोचक जानकारी।
 
नैनीताल- 
1. इसे नैनीताल इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां पर ऊंचे पहाड़ पर नैना देवी का एक मंदिर और प्रसिद्ध ताल है। 
 
2. नैनी शब्द का अर्थ है आंखें और 'ताल' का अर्थ है झील। 
 
3. बर्फ से ढ़के पहाड़ों के बीच झीलों से घिरा नैनीताल उत्तराखंड राज्य का प्रसिद्ध हनीमून स्पॉट है।
 
4. यहां आकर आपको शांत और प्रकृति के पास होने जैसा महसूस होगा। 
 
5. नैनीताल झील, नैनादेवी मंदिर, नैना चोटी, गर्वनर हाउस, टिफिन टॉप और पंडित जीबी पंत प्राणी उद्यान यहां के प्रसिद्द स्थल है। शॉपिंग के लिए आप मार्केट मॉलरोड जा सकते हैं।
 
6. यहां कि प्रसिद्ध झील नैना झील है जिसे ताल भी कहा जाता है। ताल में बत्तखों के झुंड, रंग-बिरंगी नावें और ऊपर से बहती ठंडी हवा यहां एक अदभुत नजारा पेश करते हैं। ताल का पानी गर्मियों में हरा, बरसात में मटमैला और सर्दियों में हल्का नीला दिखाई देता है।
 
7. एक समय में नैनीताल जिले में 60 से ज्यादा झीलें हुआ करती थीं। यहां चारों ओर खूबसूरती बिखरी है। सैर-सपाटे के लिए दर्जनों जगहें हैं, जहां जाकर पर्यटक हैरान रह जाते हैं और प्राकृतिक नजारों को बस देखते ही रहते हैं।
 
8. एनएच 87 रोड़ नैनीताल को पूरे देश से जोड़ता है। नैनीताल में रेल और हवाई सेवाएं नहीं हैं, लेकिन यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन यहां से सिर्फ 34 किमी दूर काठगोदाम में है। काठगोदाम से नैनीताल के लिए राज्य परिवहन की गाड़ियां दिन में हर समय उपलब्ध रहती हैं। यहां से आप टैक्सी कर सकते हैं। यह स्थान दिल्ली से 320 किमी और अल्मोड़ा 68 किमी दूर है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

यात्रा वृत्तांत : उदयपुर का वैभवशाली, शौर्य से भरा इतिहास