भोपाल। देश में राम मंदिर आंदोलन के बाद जिस हिन्दुत्व के नारे के बल पर भाजपा ने एक के बाद एक कई चुनावों में जीत हासिल की और पार्टी ने देखते ही देखते केंद्र के साथ-साथ कई राज्यों में अपनी सरकार बना ली।लेकिन अब भाजपा हिन्दुत्व के मुद्दे पर मुख्य विरोधी दल कांग्रेस से कहीं न कहीं पिछड़ती दिख रही है।
बात हो रही है मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव की। नवंबर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में हिन्दुत्व कांग्रेस का मुख्य एजेंडा होने जा रहा है। इस बात को पढ़कर आपको आश्चर्य हो रहा होगा कि वेबदुनिया इस बात को किस आधार पर कह रहा है। तो आइए सिलसिलेवार आपको बताते हैं कि वेबदुनिया कांग्रेस के अब तक के चुनावी एजेंडे और प्रचार की पड़ताल कर किन बातों के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचा-
राम अब कांग्रेस के : अब तक चुनाव के समय भाजपा भगवान राम को याद करती थी, वहीं इसके उलट इस बार चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस भगवान राम की शरण में जा पहुंची है। कांग्रेस भगवान राम के वन पथ गमन की एक यात्रा निकालने जा रही है। पार्टी ने ऐलान कर दिया है कि अगर वह सत्ता में आती है तो वो भगवान राम वन पथ गमन का निर्माण करेगी।
कांग्रेस की सभाओं में 'जय श्रीराम' के नारे : अब तक भाजपा की सभाओं की शुरुआत जय श्रीराम के नारे के साथ होती थी, वहीं अब कांग्रेस की सभाओं में जय श्री राम के नारे लगते हैं। पिछले दिनों पीसीसी कमलनाथ की कई सभाओं में 'जय श्रीराम' के नारे सुनने को मिले।
कांग्रेस का गौशाला कार्ड : हिन्दू धार्मिक मान्यताओं में भगवान राम के बाद हिन्दुत्व की पहचान गाय से होती है। कांग्रेस इस बात को अच्छी तरह जानती है कि गाय के जरिए हिन्दू वोटों का ध्रुवीकरण किया जा सकता है। इसलिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने घोषणा की है कि सत्ता में आने पर 23 हजार ग्राम पंचायतों में गौशाला का निर्माण किया जाएगा।
घोषणा पत्र नहीं वचन पत्र : हर बार चुनाव में अपने चुनावी वादे को घोषणा पत्र के जरिए लोगों तक पहुंचाने वाली पार्टी इस बार वचन पत्र लाने जा रही है, इसमें हिन्दुत्व की झलक दिखाई देगी। इस वचन पत्र में नर्मदा परिक्रमा पथ को विकसित करने, पवित्र नदियों की सफाई, धार्मिक नगरों को पवित्र घोषित करना शामिल है।
राहुल करेंगे मंदिरों का दर्शन : पार्टी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनावी दौरे का ऐसा प्लान तैयार कर रही है, जिससे राहुल हर दौरे के प्रचार अभियान का आगाज मंदिरों में दर्शन कर कर सकें। इतना ही नहीं, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपने चुनावी दौरे के दौरान मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं।