भोपाल। SC/ST एक्ट को लेकर अब बीजेपी मुश्किल में दिख रही है। राजस्थान और मध्यप्रदेश में अपना खासा दबदबा रखने वाली करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी ने आरक्षण और एट्रोसिटी सिटी बिल की समीक्षा की मांग की है। कालवी ने एक्ट को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एट्रोसिटी को पास करने उसका दोहरा चरित्र सबके सामने उजागर हो गया है।
भाजपा को घेरते हुए कालवी ने कहा कि राम मंदिर और धारा 370 पर सरकार मामला कोर्ट में होने का हवाला देती है, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी एट्रोसिटी बिल पास हो जाता है। कालवी ने आरक्षण का समर्थन तो किया, लेकिन एट्रोसिटी बिल का विरोध जताया, वहीं 23 सितंबर को करणी सेना के स्थापना दिवस के अवसर पर चित्तौड़ में क्षत्रिय समाज का अभी तक का सबसे बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें 3 मुख्य विषयों पर चर्चा की जाएगी। फिल्म 'पद्मावत' की समीक्षा, आरक्षण के 70 साल और एट्रोसिटी बिल पर समीक्षा की जाएगी।
इसी के साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट कहा कि करणी सेना आरक्षण का विरोध नहीं कर रही है, लेकिन एट्रोसिटी बिल के विरोध में है। आरक्षण पिछड़ों को विकास की धारा से जोड़ने के लिए कुछ सालों के लिए लागू किया गया था, जो डॉ. अंबेडकर ने भी संविधान में लिखा है। इसलिए अब समय आ गया है कि आरक्षण की समीक्षा होनी ही चाहिए। इसके साथ ही करणी सेना ने आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग की है, वहीं करणी सेना अपनी मांगों को लेकर उज्जैन में 16 सितंबर को बड़ी रैली करेगी।