आने वाले दिनों में साल के अंत तक पांच राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने हैं। इसके चलते चुनाव आयोग ने चुनाव संबंधी गतिविधियों का नियामक ऑडिट करने का फैसला लिया है। चुनाव आयोग ने इन राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को पत्र लिखा है। इस पत्र में चुनाव आयोग ने मतदाता सूचियों, मतदान केंद्रों और ईवीएम के रखरखाव का विस्तृत नियामक ऑडिट किया जाएगा।
इसके अलावा आयोग ने यह भी कहा कि व्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं चुनावी भागीदारी और बूथ स्तर के अधिकारियों का प्रशिक्षण भी ऑडिट किया जाएगा। ऑडिट टीमों के जरिए चुनाव आयोग मतदाता सूची प्रबंधन के साथ ही अन्य गतिविधियों के लिए चुनाव आयोग के निर्देशों और नियमों की निगरानी करेगा और गुणवत्ता में सुधार के लिए कदम उठाएगा।
इस संबंध में जल्दी ऑडिट टीमें इन राज्यों का दौरा करेंगी। दौरे के दौरान ऑडिट टीमें मतदाता सूची प्रबंधन के हर पहलू पर बारीकी से गौर करेंगी। इन ऑडिट टीमों पर जिम्मेदारी होगी कि वे चुनाव आयोग द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों और प्रावधानों के पालन नहीं किए जाने वाले मामलों का पता लगाएंगी और उन मामलों पर नजर बनाए रखेंगी जिनमें सुधार किए जाने की जरूरत है। साथ ही साथ ऐसे मामलों में प्रगति पर भी ये टीमें नजर रखेंगी।
इस बारे में मुख्य चुनाव अधिकारियों को संबंधित अधिकारियों को, मांगी जा रही सूचना या स्पष्टीकरण उसी दिन तत्काल मुहैया कराए जाने के निर्देश देने के लिए भी कहा है।
हालांकि ऑडिट टीमों के दौरे को टाले जाने की भी चर्चा है। खबर के अनुसार वरिष्ठ आईएएस अधिकारी वीएल कांता राव की अध्यक्षता वाले मध्यप्रदेश मुख्य चुनाव कार्यालय ने चुनाव आयोग से फिलहाल इस दौरे को टाल देने की बात कही है। इसका प्रमुख कारण है, मतदाता सूची को अंतिम रूप देने का काम इस महीने के अंत तक पूरा होगा। ऐसे में इस काम के पूरे होने के बाद ही ऑडिट टीमों को अपना दौरा शुरु करना चाहिए।