भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में एक ओर जहां सत्तारूढ़ भाजपा सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए अपने 165 मौजूदा विधायकों में से आधे विधायकों को टिकट नहीं देने की नीति पर गंभीरता से विचार कर रही है, वहीं 15 वर्ष से प्रदेश के सत्ता से बाहर विपक्षी दल कांग्रेस अपने 57 विधायकों में से 42 को फिर से चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में है।
कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि कांग्रेस के 42 मौजूदा विधायकों का कार्य संतोषजनक पाया गया है इसलिए उन्हें राज्य विधानसभा चुनावों में फिर से उतारने की तैयारी पार्टी कर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष कमलनाथ भी किसी विधायक का टिकट काटने के पक्ष में नहीं है।
पार्टी के 71 उम्मीदवारों की पहली सूची जल्दी ही जारी होने वाली है जिसमें इन विधायकों के नाम भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली सूची तैयार कर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दी है। इसे आने वाले दिनों में जारी किया जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के प्रति लोगों में जबरदस्त नाराजगी है और कांग्रेस 5 साल बाद प्रदेश में सत्ता में वापसी करने वाली है।
मध्यप्रदेश के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके लिए पहले चरण में कांग्रेस ने 12 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इसमें 8 विधायकों में से 7 को टिकट दिया गया है। पहली सूची में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में केवल 1 विधायक को टिकट नहीं दिया है। इससे जाहिर होता है कि कांग्रेस अपने विधायकों को अगले विधानसभा चुनाव में उतारने वाली है।
वहीं सूत्रों के अनुसार भाजपा सत्ता विरोधी लहर के प्रभाव से निपटने के लिए अपने 70-80 विधायकों के टिकट काटने के बारे में गंभीरता से विचार कर रही है। (भाषा)