सांकेतिक फोटो
झाबुआ। मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल झाबुआ में देशी और विदेशी शराब की बोतलों पर मतदान जागरुकता संदेश छपने से नया विवाद पैदा हो गया है। आदिवासी अंचल में शराब की बोतलों के माध्यम से मतदान के प्रति जागरुकता पर विवाद बढ़ता देख आबकारी विभाग और जिला प्रशासन एक-दूसरे पर इसकी जिम्मेदारी डाल रहे हैं।
जिला आबकारी अधिकारी अभिषेक तिवारी के अनुसार, जिले में दो लाख स्टीकर छपवाए गए हैं और जिलेभर के शराब ठेकेदारों को बोतलों पर चिपकाने के लिए निर्देशित किया गया है। उनका दावा है कि पूरी कार्यवाही कलेक्टर आशीष सक्सेना के निर्देश पर की गई है।
वहीं कलेक्टर आशीष सक्सेना ने इस बारे में पूछे जाने पर यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि इस बारे में आबकारी अधिकारियों से ही सवाल किया जाए। आबकारी विभाग ने शराब की बोतल पर मतदाताओं को जागरूक बनाने के लिए जो स्टीकर चिपकाए हैं, उन पर आदिवासी भाषा में जो लिखा है उसका हिंदी में अर्थ है, सभी को वोट करना जरूरी है, बटन दबाना है, वोट डालना है। इसके नीचे जिला निर्वाचन अधिकारी झाबुआ का संदर्भ दिया गया है।
वहीं इन स्टीकरों के चलते बोतल पर लिखी वैधानिक चेतावनी भी दब गई है। आदिवासी अंचल में इस प्रकार शराब के माध्यम से प्रोत्साहन को लेकर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। सामजिक संगठनों का मानना है कि इससे मतदान के दौरान शराब की बिक्री और बढ़ने और चुनाव के दौरान शराब बांटे जाने की प्रवृत्ति में भी इजाफा होगा। (वार्ता)