भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनाव से ठीक पहले बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एक और जहां SC-ST एक्ट को लेकर भारत बंद में बीजेपी के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को विरोध का सामना करना पड़ा, वहीं बंद के दौरान राज्य में नए राजनीतिक दल के तौर पर दस्तक देने जा रहे संगठन सपाक्स ने अपनी ताकत दिखा दी।
सपाक्स के कार्यकर्ताओं ने हर जिले में सड़क पर उतरकर अपना विरोध जताया, वहीं सामान्य वर्ग के सबसे बड़े संगठन के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले सपाक्स ने राज्य की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। सपाक्स ने एससी-एसटी एक्ट में संशोधन को चुनावी मुद्दा बना लिया है।
संगठन हर जिले में सभा कर बीजेपी सरकार को सामान्य वर्ग का विरोधी बता रहा है। वेबदुनिया से बातचीत में संगठन के संरक्षक और पूर्व आईएएस अधिकारी हीरालाल ने कहा कि एट्रोसिटी एक्ट चुनाव में उनका मुख्य मुद्दा रहेगा। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में प्रमोशन में रिजर्वेशन को लेकर भी सपाक्स चुनाव में बीजेपी को घेरेगी।
सपाक्स पहले ही इस मुद्दे को लेकर शिवराज सरकार की नीयत पर सवाल उठा चुका है, वहीं चुनावी साल में सपाक्स के कार्यकर्ताओं ने पहले ही कई जिलों में राजनीतिक दलों के विरोध और बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवार को वोट न देने के बोर्ड लगा दिए हैं। संगठन ने चुनावी ताल ठोंकते हुए राजनीतिक दल के तौर पर संगठन के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दे दिया है, वहीं संगठन ने अपने चुनावी मेनिफेस्टो की तैयारी शुरू कर दी है।