भोपाल। मध्यप्रदेश में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की 14 जुलाई से उज्जैन से शुरू होने वाली महत्वाकांक्षी 'जन आशीर्वाद यात्रा' के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
'जन आशीर्वाद यात्रा' 25 सितंबर तक चलेगी और इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान विशेष रूप से तैयार किए गए रथ में सवार होकर राज्य के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचने का प्रयास करेंगे। यात्रा की शुरुआत के अवसर पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी उज्जैन में मौजूद रहेंगे। इस यात्रा की खासियत यह है कि चौहान पूरी तरह सड़क मार्ग से राज्य का दौरा कर पार्टी कार्यकर्ता और आम लोगों से सीधा संवाद करेंगे।
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने रविवार को यहां बताया कि वर्ष 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों के पहले भी चौहान ने इसी तरह की 'जन आशीर्वाद यात्रा'निकाली थी। यात्रा के तहत वर्ष 2013 में चौहान 206 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचे थे। यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री मुख्य रूप से अपनी सरकार की उपलब्धियों से आम लोगों को अवगत कराते हैं। ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में भी पार्टी कार्यकर्ताओं को और गतिशील बनाने तथा आम लोगों से संपर्क पर विशेष जोर दिया जाता है।
अग्रवाल ने कहा कि यात्रा के मद्देनजर पिछली 2 बार की जन आशीर्वाद यात्राओं में इस्तेमाल किए गए 2 रथों को आधुनिक संसाधनों के साथ नया स्वरूप दिया जा रहा है। 2 बसों को रथों के रूप में परिवर्तित किया गया है और भाजपा संगठन इन्हें अपने लिए भाग्यशाली (लकी) मानता है। इन रथों को सुरक्षा के अलावा इस तरह के संसाधनों से सुसज्जित किया जा रहा है जिससे चौहान जब जहां चाहें, रथ में सवार होकर ही लोगों को संबोधित कर सकें।
यात्रा के प्रभारी एवं भाजपा उपाध्यक्ष प्रभात झा ने शनिवार शाम उज्जैन में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक ली। झा ने कहा कि सभी पार्टीजन अधिक से अधिक जनता को इस यात्रा से जोड़ने के कार्य में जुट जाएं। 14 जुलाई को यात्रा की शुरुआत के मौके पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और चौहान उज्जैन में दिन में महाकालेश्वर भगवान का आशीर्वाद लेंगे और आमसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद यह यात्रा रात्रि तक 2 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचेगी। इसके बाद 15 जुलाई से अपने अगले गंतव्य पर निकल को जाएगी।
राज्य में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सत्तारूढ़ दल भाजपा के अलावा मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी चुनावी मोड में आ गई है। नवंबर-दिसंबर 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस राज्य में ऐतिहासिक विजय हासिल कर सत्ता संभाली थी। उस समय मुख्यमंत्री उमा भारती बनीं। कुछ समय बाद कानूनी बाधाओं के कारण भारती को त्यागपत्र देना पड़ा और बाबूलाल गौर को मुख्यमंत्री बनाया गया।
लेकिन फिर राजनीतिक कारणों से गौर को भी मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ना और नवंबर 2005 में चौहान मुख्यमंत्री बने। इसके बाद चौहान के नेतृत्व में ही भाजपा ने 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में लगातार विजय हासिल कर पार्टी की सरकार बरकरार रखी। भाजपा इस बार भी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। (वार्ता)