Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

अयोध्या फैसला : एक बधाई दोनों पक्ष के समझदार नागरिकों को भी...

हमें फॉलो करें अयोध्या फैसला : एक बधाई दोनों पक्ष के समझदार नागरिकों को भी...
webdunia

ज्योति जैन

अयोध्या पर कोर्ट का फैसला आ चुका है..
 
देश के भीतर...या सीमा पर...स्थिति तनाव में...या अनियंत्रित हो ,तो नुकसान में(या प्रभावित)सबसे ज्यादा स्त्री (दोनों पक्षों की)ही होती है...पिता,पुत्र, भाई,पति...या आबरू भी तो वही खोती है...।
 
बात जब एकता..अखण्डता... भाईचारे व शांति की है तो वह आचरण में भी झलकना चाहिए (बेशक...दोनों पक्षों के)।
 
जिनके लिए प्रसन्नता की बात है...बेशक प्रसन्न हो...पर ये प्रसन्नता संयमित हो,इसका ध्यान अवश्य रखा जाना चाहिए...।
 
मुझे याद आता है
***बचपन में पड़ोस में  कहीं गमी हो जाती थी और दीवाली का त्योहार होता तो मां कहती थी-बेटा पटाखे मत छोड़ना...लेकिन यदि बालहठ होता तो कहती-अच्छा... दो-चार टिकड़ी..चकरी..सांप की गोली..रस्सी.. छुड़ा लो..बस...!
 
और हां...समी-संझा दीप जलते तो कहती--दो दीये पड़ोस की देहरी पर भी रख आना..।
 
बस...नन्हे दीपकों के उसी उजास की ताकत को याद कर लीजिए,जो एक दूजे के सुख में साथ झिलमिलाती थी...और दुख को भी साझा कर उसके तम को हर लेती थी.....

अयोध्या फैसले के बाद इसी समझदारी की अपेक्षा थी और हमारी परिपक्व गंगा जमुनी संस्कृति ने इसे निभाया भी... एक बधाई दोनों पक्ष के हम समझदार नागरिकों को भी... 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आज ईद-ए-मिलादुन्नबी : हजरत पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्मदिन