#माय हैशटैग
कल 15 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो जाएंगे। आधिकारिक घोषणा के पहले ही ट्विटर पर चुनाव के नतीजे बताने की बाढ़ आ गई। हर पार्टी अपने-अपने हिसाब से चुनाव के नतीजे की संभावना बता रही है, वहीं कुछ पत्रकार भी हैं, जो अपनी अलग ढपली बजाने में लगे हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। जितनी शक्ति लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तरप्रदेश में खर्च की गई, उतनी ही शक्ति कर्नाटक में प्रदर्शित की गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे और ऐसे-ऐसे ट्वीट किए जिसकी अपेक्षा आम मतदाता नहीं कर सकता। ऐसा लगा कि भाजपा के कई मुख्यमंत्री ट्रोल आर्मी में शरीक हो गए हैं।
जिस तरह के आरोप-प्रत्यारोप आमसभा में लगते रहे हैं, उससे ज्यादा गंभीर और घटिया आरोप ट्विटर पर देखे गए। एक कन्नड़ पत्रिका में मुस्लिम मतदाताओं से अनुरोध किया गया कि वे कांग्रेस को वोट दें, जवाब में दूसरी पत्रिका में भाजपा को वोट देने की अपील हिन्दुओं से की गई। राहुल गांधी और नरेन्द्र मोदी के बारे में कर्नाटक के लोगों की राय भी नेताओं ने शेयर की।
फोटोशॉप की हुईं तस्वीरें और एडिट किए हुए छोटे-छोटे वीडियो की बाढ़ आ गई। ऐसे ट्वीट भी किए गए कि कर्नाटक चुनाव के लिए तमिलनाडु से बड़ी मात्रा में धन नकद आया। एक आरोप के अनुसार पहले 750 करोड़ रुपए एम्बुलेंस में लाए गए और उसके बाद फिर 700 करोड़ रुपए। दावा किया गया कि कर्नाटक चुनाव में कुछ क्षेत्रों के मतदाताओं को 1 वोट के बदले 7,000 रुपए तक दिए गए।
कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने लगातार अपने छोटे-छोटे वीडियो शेयर किए। बरखा दत्त और रवीश कुमार जैसे पत्रकारों ने मतदाताओं की राय वाले वीडियो शेयर किए। अलग-अलग लोगों ने चुनाव नतीजों के बारे में अपनी राय भी बताई। किसी ने कहा कि बीजेपी, तो किसी ने कहा कांग्रेस। अनेक लोगों की राय थी कि कर्नाटक का चुनाव केवल कर्नाटक का चुनाव नही है, बल्कि यह 2019 की लोकसभा चुनाव के लिए एजेंडा तय करने वाला जनमत संग्रह है। इस चुनाव के नतीजे जो भी होंगे, वे अगले वर्ष लोकसभा चुनाव को प्रभावित करेंगे।
इस चुनाव में डॉक्टर कलबुर्गी जैसे बुद्धिजनों को सबसे ज्यादा याद किया गया। तिरुमंगलम फॉर्मूले की भी चर्चा हुई। लोगों ने एटीएम में नोट नहीं होने की शिकायत करते हुए लिखा कि सारे नोट नेता लोगों ने उड़ा लिए ताकि चुनाव में खर्च कर सकें। त्रिशंकु विधानसभा की चर्चाएं भी जमकर हुईं।
भाजपा नेता और प्रवक्ता सुरेश कुमार की बेटी की गिरफ्तारी भी ट्विटर पर छाई रही जिन पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव के पहले मतदाताओं को नोट बांटे। कर्नाटक के मतदाताओं को विभाजित करने के आरोप भी लगे और ये गंभीर आरोप भी लगे कि कर्नाटक में एक और भिंडरावाले को जन्म देने की तैयारी की जा रही है। महिलाओं की भूमिका इस चुनाव में कम ही नजर आई।
दक्षिण भारतीय फिल्मों के खलनायक प्रकाश राज की भी चर्चा रही जिन्होंने यह बयान दिया था कि जबसे मैंने नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मुंह खोला है, बॉलीवुड में मुझे काम मिलना बंद हो गया है। प्रकाश राज का कहना है कि कर्नाटक से येदियुरप्पा को विदा ले लेनी चाहिए। इस चुनाव में उनकी उपस्थिति बहुत नजर नहीं आई।
नरेन्द्र मोदी पर बार-बार आरोप लगे कि वे झूठ बोल रहे हैं और सांप्रदायिक भावनाएं भड़का रहे हैं। अमित शाह कर्नाटक में हिन्दी में भाषण देते थे जिसे मंच से ही कन्नड़ में अनुवादित किया जाता था। अमित शाह का एक वीडियो इस दौरान बहुत ज्यादा देखा गया जिसमें वे अनुवाद करने वाली महिला को डांटते हैं और कहते है कि मैं जो बोल रहा हूं, उसी का अनुवाद करो। अपने मन से आप कुछ भी जोड़ देती हैं।
लोगों ने नरेन्द्र मोदी के 19 अक्टूबर 2013 के उस भाषण को भी दोहराया कि भारतीय रुपया डॉलर के सामने आईसीयू में है, तब रुपए की कीमत 61.27 रुपए थी, जो आज 6 रुपए बढ़कर 67.27 रुपए हो गई है।